गोलू देवता के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों में पूजन-दर्शन करें

उत्तराखंड में देवी-देवताओं के कई चमत्कारिक मंदिर हैं। इन मंदिरों की प्रसिद्धि भारत ही नहीं बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। इन्हीं में से एक मंदिर गोलू देवता का भी है। गोलू देवता को स्थानीय मान्यताओं में न्याय का देवता कहा जाता है। उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ मंडल में ग्वेलज्यू (गोलू देवता) इष्टदेव और न्यायाधीश के रुप में पूजे जातें हैं। इनको विभिन्न स्थानों पर कई नामों से जाना जाता है। जैसे गोरिल, गौरिया, ग्वेल, ग्वाल्ल या गोल भी कहते हैं। यह कुमाऊँ क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध व मान्य ग्राम-देवता है। कुमाऊँ में प्रसिद्ध न्याय के देवता के मंदिरों का सर्किट बनाया गया है। जिससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु उनकी महिमा के बारे में जान सके।

चितई गोलू मंदिर, अल्मोड़ा-चितई गोलू मंदिर अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर है। यहां गोलू देवता का भव्य मंदिर है। मंदिर के अंदर सफेद घोड़े में सिर पर सफेद पगड़ी बांधे गोलू देवता की प्रतिमा है, जिनके हाथों में धनुष बाण है। इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु न्याय मांगने के लिए आते हैं।

कैसे पहुंचें-चितई गोलू देवता मंदिर आने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा, पंतनगर में स्थित है। पंतनगर हवाई अड्डा मुख्य शहर हल्द्वानी से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर है। हल्द्वानी से अल्मोड़ा लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यह दूरी बस द्वारा या फिर टैक्सी और निजी वाहन से भी तय की जा सकती है। जबकि निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, यहां से अल्मोड़ा के लिए बस और टैक्सी की सुविधा हमेशा उपलब्ध रहती है। यहां पर्यटकों के रहने के लिए होमस्टे/होटल की सुविधा उपलब्ध है।

गैराड गोलू देवता मंदिर-गोलू देवता या भगवान गोलू कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक और ऐतिहासिक भगवान हैं। डाना गोलू देवता गैराड मंदिर, बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य के मुख्य द्वार से लगभग 2 किमी दूर पर है। गोलू देवता की उत्पत्ति को गौर भैरव (शिव) के अवतार के रूप में माना जाता है, पूरे कुमाऊं क्षेत्र में उनकी पूजा की जाती है और भक्तों द्वारा विश्वास के साथ न्याय के औषधि के रूप में माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि श्री कल्याण सिंह बिष्ट (कालबिष्ट) का जन्म एक बड़े गांव पाटिया के पास कत्युडा गांव में हुआ था, जहां राजा के दीवान रहते थे। बहुत कम उम्र में श्री कालबिष्ट ने कुमाऊं क्षेत्र के सभी शैतानों को पछाड़ दिया और हमेशा के लिए मार डाला। श्री कालबिष्ट जी ने हमेशा गरीबों और दमनकारी लोगों की मदद की। श्री कालबिष्ट जी को संदेह से अपने निकट रिश्तेदार ने अपनी कुल्हाड़ी से सिर काट दिया था, जो पटिया के दीवान द्वारा प्रभावित था, राजा ने उनका सिर काट दिया। श्री कालबिष्ट जी का शरीर डाना गोलू गैराड में गिर गया और उनका सिर अल्मोड़ा से कुछ किलोमीटर दूर कपडखान में गिर पड़ा। डाना गोलू में, गोलू देवता का मूल और सबसे प्राचीन मंदिर है।

कैसे पहुंचें– अल्मोड़ा के नजदीकी हवाई अड्डा, एक प्रसिद्ध कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर में स्थित है, जो गैराड से लगभग 147 और अल्मोड़ा से लगभग 127 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम से करीब 110 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके अलावा गैराड सड़क नेटवर्क के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गैराड टैक्सी, बस या फिर अपनी कार से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां पर्यटकों के रहने के लिए कुमाऊं मण्डल विकास निगम के गेस्ट हाउस, होमस्टे/होटल की सुविधा उपलब्ध है।

गोल्ज्यू देवता मंदिर, नैनीताल

गोल्ज्यू देवता मंदिर नैनीताल जिले के घोड़ाखाल में पौराणिक काल से स्थापित है, जो नैनीताल नगर से 16 कि. मी. की दूरी पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि गोल्ज्यू देवता अपने मूल निवास स्थान चंपावत से यहां आते हैं। घोड़ाखाल में गोलू (गोल्ज्यू) देवता का भव्य मंदिर है। मंदिर के अंदर सफेद घोड़े में सिर पर सफेट पगड़ी बांधे गोलू देवता की प्रतिमा है, जिनके हाथों में धनुष बाण है।

कैसे पहुंचें– यहां पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, यहां से बस व टैक्सी आसानी से उपलब्ध रहती है। या फिर अपनी कार से भी यहां तक पहुंचा जाता है। वहीं पंतनगर निकटतम हवाई अड्डा है। यहां पर्यटकों के रहने के लिए होमस्टे/होटल की सुविधा उपलब्ध है।

प्राचीन गोल्ज्यू मंदिर चम्पावत

चंपावत शहर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर गोरलचौड मैदान के निकट गोरल देवता का यह मन्दिर कुमाऊॅ में न्यायवादी देवता के रूप में पूजे जाते हैं। यहां प्रत्येक वर्ष शोभा यात्रा निकाल कर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। गोरल देवता गोलू, गोल्ज्यू, गोरिया, ग्वेलू, गौर भैरव आदि नामों से भी प्रसिद्ध है।

कैसे पहुंचें– प्राचीन गोल्ज्यू मंदिर चम्पावत जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है जहां से चंपावत जाने जाने के लिए टैक्सी और बस आसानी से उपलब्ध हैं। यहां पर्यटकों के रहने के लिए कुमाऊं मण्डल विकास निगम के गेस्ट हाउस, होमस्टे/होटल की सुविधा उपलब्ध है।

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