चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद वहां फंसे 384 लोगों को सकुशल बचाया गया, वहीं अबतक 8 शवों को बाहर निकाला गया

चमोली। उत्तराखंड के चमोली जनपद में भारत-चीन की सीमा पर सुमना में क्यू गाड़ वैली के निकट गांव के पास शुक्रवार को ग्लेशियर टूटने की खबर सामने आई थी। यह स्थान जोशीमठ से लगभग 94 किलोमीटर आगे है। शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत आज चमोली पहुंच गए हैं। मुख्यामंत्री व आपदा प्रबंधन मंत्री सेना के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरीक्षण के लिए गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री फिलहाल मौसम खराब होने की वजह से चमोली में ही रहकर हालातों का जायजा लें रहे हैं। अगर मौसम सही रहा तो मौके के लिए रवाना भी हो सकते हैं। गौरतलब है कि गत दिवस जोशीमठ मलारी-गिरथिडोबला सुमना-रिमखिम क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से हादसा हुआ था।

भारतीय सेना द्वारा तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। ग्लेशियर टूटने के बाद वहां फंसे 384 लोगों को अबतक बचाया गया है। अभी तक इस त्रासदी में 8 शवों को बाहर निकाला गया है जबकि, छह लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। अन्य मजदूरों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है।

मल्टीपल लैंड स्लाइड के कारण 4 से 5 स्थानों पर सड़क टूट चुकी है। जोशीमठ से बीआरटीएफ की टीमें बीती शाम से भपकुंड से लेकर सुमना तक की स्लाइड्स को साफ करने में लगी हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गृह मंत्री अमित शाह से इस पूरे मामले पर फोन पर बातचीत की है जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मौके के लिए रवाना हुए हैं। वहीं, घटना में कई लोगों के दबे होने की सूचना मिल रही है। आपको बता दें कि ग्लेशियर टूटने की वजह से बीआरओ के दो लेबर कैंप इसकी चपेट में आए थे। कैंप में रह रहे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। घटना से करीब तीन किमी की दूरी पर आर्मी कैंप है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है। घटना के तुरंत बाद ही सेना ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया था। बचाव व राहत कार्य जारी है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में तीन दिनों से बेहद खराब मौसम बना हुआ है, बावजूद इसके राहत व बचाव का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।

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