देहरादून। सात माह के शिशु के पेट में मानव भ्रूण पनप रहा था। जब उसकी मां का ध्यान उसके बढ़ते हुए पेट पर गया। शुरू में उन्होंने इसे नजरअंदाज किया पर जब पेट निरंतर बढ़ता ही गया तो उसे चिंता हुई। कई जगह चिकित्सकों को दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला। उन्होंने हिमालयन हास्पिटल जौलीग्रांट में दिखाया। जांच में पता चला शिशु के पेट में अर्ध-विकसित भ्रूण है।
जिसे चिकित्सकों ने आपरेशन कर सफलतापूर्वक निकाल कर शिशु नया जीवन दिया है। चिकित्सक का कहना है कि यह करीब पांच लाख गर्भावस्था में किसी एक में होने की आशंका रहती है। शिशु का जब एक्सरे किया गया तो पेट मे पल रहे एक अर्ध-विकसित भ्रूण का पता चला। डा. संतोष सिंह ने बताया कि इसे मेडिकल भाषा मे फीटस-इन-फीटू (भ्रूण के अंदर भ्रूण) कहते हैं।