अल्मोड़ा। द्वाराहाट विकासखंड के सुदूर डोटलगांव के लिए आठ वर्ष पूर्व बनी सड़क ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है। रोड कटान के मलबे का सही निस्तारण न किए जाने से ग्रामीण दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। कुरा नहर जमींदोज हो गई है। करीब 70 नाली (3.50 एकड़) कृषि भूमि सिंचाई के अभाव में बंजर हो चुकी है। इसका सीधा असर ग्रामीणों की आर्थिकी पर पड़ रहा है। वहीं पारंपरिक नौला भी मलबे से पट गया है। नतीजतन, अनुसूचित बहुल क्षेत्र में पेयजल संकट से जनाक्रोश भड़कने लगा है।
वर्ष 2017 में बग्वालीपोखर कोरीछीना मार्ग से डोटलगांव को जोड़ने के लिए रोड का निर्माण किया गया था। मलबे का समय रहते निस्तारण न करने के कारण मूल बाखली स्थित परंपरागत नौला पूरी तरह दब गया है। इससे 25 परिवारों को पेयजल किल्लत झेलनी पड़ रही है। इसके अतिरिक्त एक सिंचाई नहरे भी क्षतिग्रस्त हो गई है। पूर्व ग्रामप्रधान मदन मोहन सिंह ने बताया कि इस उपजाऊ क्षेत्र में ग्रामीण सब्जी उत्पादन कर अपनी आजीविका चलाते थे। मगर सिंचाई संसाधन ठप होने से सब कुछ चौपट हो गया है। लोनिवि को कई बार समस्या से अवगत कराया जा चुका है लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। ग्राम प्रधान ने शीघ्र मलबे का निस्तारण कर क्षतिग्रस्त नहर का पुनर्निर्माण न कराने पर जनांदोलन की चेतावनी भी दी।
ग्रामीणों की शिकायत मिली है। पांच किमी पर क्षतिग्रस्त हुए नौले का निर्माण जल्द करवाया जाएगा। सिंचाई गूल की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग से वार्ता कर समाधान निकाला जा रहा है -डीपी वर्मा, एई, लोनिवि