अल्मोड़ा/रानीखेत/द्वाराहाट। अल्मोड़ा के ब्लॉक द्वाराहाट के डोटलगांव की सड़क बने लगभग छह साल हो गये हैं। इस सड़क का अभी भी डामरीकरण नहीं हो पाया है। 7.5 किलोमीटर लम्बी बनी इस रोड़ पर बरसात के पानी के निकासी के लिए लगभग 40 से ऊपर कलमठ बनाये गये हैं जिनको बने हुए लगभग चार साल हो गये हैं। इस रोड़ पर बने कलमठ अब टूटने लगे हैं जिसके कारण सड़क मार्ग से ग्रामीणों का संपर्क पूरी तरह से टूटा हुआ है।
ग्रामीणों ने अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है और कलमठ की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही सभी कलमठों का निर्माण उच्च गुणवत्ता के साथ नहीं किया गया तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेंगे।
गांव की प्रधान नीमा देवी ने बताया कि छह साल पहले ही गांव की सड़क बनाई गई थी। लेकिन पहली ही बरसात में सड़क पर बने कलमठ टूटने लगे थे और अब बासुलीसेरा से 7.5 किलोमीटर लम्बी सड़क पर कई कलमठ बनायें गये हैं जिनके टूटने से ग्रामीणों का संपर्क मोटर मार्ग से टूट गया है। कुछ ही सालों में कलमठ का टूटना विभाग की ओर से किए गए कार्यों की गुणवत्ता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों को शिकायत कर समस्या का हल करने की मांग की लेकिन अधिकारी समस्या को अनदेखा करने का काम कर रहे हैं। गांव का संपर्क शहर से टूटने से गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की समस्या दोगुनी हो गई है।
अधिकारियों की मिलीभगत से टूटा ग्रामीणों का संपर्क
गांव के पूर्व प्रधान मदन मोहन सिंह ने कहा कि विभाग व ठेकेदार की मिली भगत के कारण आज ग्रामवासी मोटर मार्ग को छोड़कर पैदल जाने को बेबस हो गये हैं। मदन मोहन ने बताया कि इस मार्ग पर जो भी कलमठ बनाये गये हैं उनकी गुणवत्ता बहुत बेकार है। नतीजन गांव में बने कलमठ कुछ दी दिन में बारिश के पानी में बह गए और गांव का संपर्क टूट गया।
मदन मोहन सिंह ने कहा कि सड़क मार्ग की समस्या के लिए पूर्व में कई बार संबंधित अधिकारियों को समस्या के बारे में बताया गया है किन्तु कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। और पूर्व में समाचार पत्रों के माध्यम से भी कई बार विभाग के अधिकारियों व नेताओं को जगाने की कोशिश की गयी हैं परन्तु कुछ नहीं हो पा रहा है।
महिलाओं, बच्चों समेत ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही भारी समस्या
ग्रामवासी हरीश चन्द्र ने बताया कि यह समस्या लगातार जब से सड़क मार्ग का निमार्ण हुआ है तब से चलती आ रही है। आज भी ग्रामवासी अपने निजी कार्यों के लिए पैदल ही बग्वालीपोखर तक जाते हैं क्योंकि यहां सड़क मार्ग टूटने के कारण कोई भी मोटर नहीं आती हैं। लोग अपने घरों का राशन पानी अपने सरों पर लाने के लिए आज भी बेबस हैं। उन्होंने कहा कि हमारे गांव को संबंधित विभागों व नेताओं ने राम भरोसे छोड़ा है यहां न ही मोटर मार्ग सही है न ही बेहतर मोबाइल कनेक्टविटी है और आये दिन बिजली भी जाती रहती है।
ग्रामीणों ने सरकारों व संबंधित नेताओं को चेताया है कि यदि जल्द ही डोटल गांव की समस्याओं का निवारण नहीं किया गया तो सभी ग्रामवासी आगामी विधान सभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।