देहरादून। इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा 28 मार्च से शुरू होंगी। इनका समापन 18 अप्रैल को होगा। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जा रही है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने बताया कि हाईस्कूल की परीक्षा पहली पाली में सुबह आठ से 11 बजे के बीच होगी, जबकि इंटरमीडिएट के पेपर दोपहर को दूसरी पाली में दो से पांच बजे के बीच आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार और भालू का भय होने के चलते शिक्षक संगठनों ने शाम की पाली में परीक्षा न कराने की मांग उठाई है, मगर इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा के लिए 1333 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। नकल के दृष्टिकोण से इनमें से 191 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील और 18 को अति संवेदनशील केंद्र के रूप में चिह्नित किया गया है। यहां नकल न हो, इसके लिए परिषद पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी कर रही है।
इसको लेकर मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं परिषद की सभापति सीमा जौनसारी अधिकारियों की बैठक लेंगी। इसमें इन परीक्षा केंद्रों की समीक्षा करने के साथ ही यहां कड़ी पुलिस सुरक्षा के लिए प्रशासन को लिखित रिपोर्ट भेजने की संस्तुति की जाएगी। बैठक में अन्य परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी मंथन किया जाएगा। अति संवेदनशील परीक्षा केंद्र सिर्फ चार जिलों हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में हैं। ऐसे में बैठक में इन चार जिलों के मुख्य शिक्षाधिकारी को अनिवार्य रूप से शामिल होने का निर्देश दिया गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि सबसे अधिक 164 परीक्षा केंद्र पौड़ी जिले में बनाए गए हैं, जबकि चम्पावत में सबसे कम 40 परीक्षा केंद्र हैं। इस वर्ष 10वीं की बोर्ड परीक्षा में एक लाख 29 हजार 784 और 12वीं में एक लाख 13 हजार 166 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। सबसे ज्यादा 42,661 परीक्षार्थी हरिद्वार जिले में हैं। चम्पावत में सबसे कम 7,797 परीक्षार्थी हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर आवश्यक संसाधनों और सुरक्षा का भली-भांति परीक्षण करने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। पिछले सत्र की तुलना में इस बार 21 परीक्षा केंद्र कम बनाए गए हैं।