उत्तरकाशी। जिला पर्यटन विकास कार्यालय जनपद उत्तरकाशी द्वारा पर्यटन विकास परिषद देहरादून (यूटीडीबी) के सौजन्य एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विद्यालय के सहयोग से उत्तराखंड के यमुनोत्री के विभिन्न गांवों में फुट मसाज थेरपी प्रशिक्षण कैंप का आयोजन किया गया है। कैंप में ग्रामीणों को फुट मसाज थेरेपी की बारीकियां निशुल्क सिखाई जा रही हैं।
उत्तरकाशी में प्रशिक्षण कैंप का शुभारंभ करते हुए यूटीडीबी की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद ने कहा कि उत्तराखंड ‘अतिथि देवो भव’ के संदेश को देश और दुनिया में पहुंचाने के साथ ही अतिथियों के सत्कार के लिए सदैव तत्पर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए माननीय पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज जी के निर्देशन में चारधाम यात्रा और चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) की ओर से समय-समय पर प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जा रहा है।
निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेषज्ञों की टीम थेरेपी की बारिकियां सिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फुट मसाज थेरेपी एक ऐसी चमत्कारी विधि है जिसके द्वारा शरीर के सभी रोगों का इलाज संभव है। यह चिकित्सा ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करता है और व्यक्ति को शांति और आराम मिलता है। यह थेरेपी सभ्य कला आपके पैरों, हाथों और कानों पर स्थित विशिष्ट प्रतिबिंब बिंदुओं पर मालिश पर केंद्रित है जो आपके शरीर के हर क्षेत्र से मेल खाती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तरकाशी के ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
अपर निदेशक पूनम चंद ने कहा कि माह मई से चारधाम यात्रा शुरु होने वाली है मार्गों में फुट मसाज थेरैपी के माध्यम से आने वाले श्रदालुओं को आराम मिलेगा साथ ही यहां ट्रेकिंग में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी। इस निःशुल्क प्रशिक्षण से ग्रामवासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभाग की ओर से इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उत्तरकाशी के हनुमान चट्टी के गांव दुर्बिल, नेशनी, पिंटकी मधेश, दांगुड गांव, बाडिया गांव, राणा गांव, कुठार गांव के ग्रामीणों को चिकित्सक डॉ. नवीन चन्द्र जोशी, डॉ. दीप चन्द्र पांडे, डॉ. वत्सला पांडे एवं डॉ. नीलम सजवाण फुट मसाज थेरेपी के गुर सिखा रहे हैं। 28 अप्रैल तक आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण कैंप में ग्रामीण बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।