देहरादून। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। यह इसलिए संभव हो पाया है कि उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने यात्रियों की सुविधा के लिए चाक चौबंद प्रबंध किए हैं। इस साल जबसे यात्रा शुरु हुई है तबसे हर दिन पर्यटकों का एक रिकार्ड बनता जा रहा है। 2019 की तुलना में साल 2022 में अभी तक मात्र डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्री चारधाम यात्रा कर चुके हैं।
साल 2019 में सर्वाधिक 34 लाख 81 हजार 15 यात्रियों ने चारधाम की यात्रा की थी। कोविड महामारी के कारण साल 2020 और 2021 में यात्रा स्थगित रही। इस साल प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 2019 की तुलना डेढ़ माह में ही दो तिहाई से अधिक यात्री उत्तराखंड आ चुके हैं। अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक बदरीनाथ कपाट इस वर्ष 8 मई को खोला गया जहां आज तक 7 लाख 60 हजार 976 यात्री दर्शन कर चुके हैं। इसी तरह से केदानाथ धाम कपाट 6 मई को खोला गया जहां आज तक 7 लाख 36 हजार 996 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।
गंगोत्री धाम 3 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया जहां बद्री केदार मंदिर समिति से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार आज तक 3 लाख 89 हजार 191 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यमुनोत्री धाम भी 3 मई को खुला और आज तक 2 लाख 99 हजार 740 यात्रियों ने दर्शन किया। इस तरह से आज तक चारधाम यात्रा के लिए पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 22 लाख 75 हजार 672 हो चुकी है। चारधाम के अलावा हेमकुंड साहिब 22 मई को खोला गया जहां आज तक 88769 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इस तरह से चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
टूट रहा है 2019 का रिकार्ड
यात्रा सुविधाओं के विस्तार और प्रबंधन से बढ़ी संख्या
उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार सदैव तत्पर रही है। राज्य में जहां यात्रा सुविधाओं का विस्तार हुआ है वहीं पर्यटन विभाग ने भी बेहतर यात्रा प्रबंधन की रणनीति तैयार की है। वर्ष 2019 में मई माह में केदारनाथ धाम हेतु कुल 3196 शटल संचालित की गयी थी जिसके माध्यम से 17 हजार 822 श्रद्वालुओं ने दर्शन किये। जबकि इस वर्ष मई माह तक 8163 शटल संचालित की गयी और इनके माध्यम से 45 हजार 375 श्रद्वालुओं द्वारा केदारनाथ धाम के दर्शन किये गये। यह संख्या वर्ष 2019 के लाभान्वितों के ढाई गुना से भी अधिक है। वहीं कोरोना महामारी के दीर्घकालीन पोस्ट कोविड इफेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोत्तरी की गई है। वर्ष 2019 में यात्रा मार्ग पर 17 ट्रैम्परेरी हैल्थ सेन्टरों की संख्या बढ़ कर 2022 में 20 हो गई है। यात्रा मार्ग 2019 में 107 मेडिकल ऑफिसर तैनात किये गये थे, जबकि 2022 में 178 मेडिकल ऑफिसरों की तैनाती की गई है जो कि 2019 के मुकाबले 66 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2019 में 89 जबकि 2022 में 119 एम्बुलेंस यात्रा मार्ग पर उपलब्ध हैं। यह पूर्ववर्ती वर्ष से 33 प्रतिशत अधिक है। 2019 में इमरजेन्सी सेवा 108 का प्रयोग 826 अवसरों पर हुआ, जबकि 2022 में 2254 अवसरों पर 108 सेवा का उपयोग में आई। यह 2019 से लगभग 3 गुनी संख्या है।
यात्रियों की सुखद एवं सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चारो धामों के लिए कैरिंग कैपेसिटी का निर्धारण किया गया ताकि धामों की धारण क्षमता के अनुरूप यात्रियों को भेजा जा सके। चारधाम यात्रा के सम्बन्ध में जिज्ञासुओं को विविध प्रकार की जानकारी देने के उद्देश्य से टोल फ्री नम्बर 1364 (01351364-अन्य राज्यों से) का आरम्भ किया गया और कॉल सैन्टर की स्थापना की गयी। वर्ष 2019 में ट्रिपकार्ड की कोई व्यवस्था नहीं थी, वर्ष 2022 में पहली बार ट्रिपकार्ड की व्यवस्था की गई है। इसे पंजीकरण की वेबसाईट से ऑनलाईन संयोजित किया गया है। ताकि वाहन में बैठने वाले यात्रियों के अनिवार्य पंजीकरण को सुनिश्चित किया जा सके साथ ही उनके नाम, पते व मोबाइल नंबर की सही सही जानकारी प्राप्त की जा सके।
पहली बार शुरु हुई नई व्यवस्था
इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा इमर्जेंसी में पहुंचे 8602 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। जिसमें पहली बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा यात्रियों की स्वास्थ्य के लिए 9 स्थानों पर हैल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। यात्रियों की जागरूकता के लिए हैल्थ एडवाइजरी तैयार की गई। पहली बार हाई एल्टीट्यूड सिकनेस का उपचार करने के लिए 30 मैडिकल अफसरों को प्रशिक्षित करवाया गया। पहली बार बद्रीनाथ, यमुनोत्री एवं केदारनाथ में कार्डियोलॉजी में प्रशिक्षित 12 डाक्टरों को तैनात किया गया। पहली बार हैली एम्बुलेंस सेवा का आरम्भ किया गया। चारधाम यात्रा मार्ग पर 2019 के 107 मेडिकल अफसर के मुकाबले 2022 में 178 मेडिकल अफसर तैनात है जो यह पूर्ववर्ती वर्ष से 66 प्रतिशत अधिक है। चार अतिरिक्त एम0बी0बी0एस0 डॉक्टरों को केदारनाथ धाम भेजा गया है। 75 नये पासआउट डॉक्टरों को 3 माह के लिए यात्रा मार्ग के जनपदों में तैनात किया गया है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है।