हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्किट हाउस काठगोदाम में अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिये जो भी शिकायतें लोगों द्वारा की जाती है उन पर त्वरित कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि जन शिकायतों एवं समस्याओं का निराकरण होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आयुक्त एवं आईजी को सख्त निर्देश दिये हैं कि जो भी भ्रष्टाचारी होगा उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई भी नागरिक भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में टोल फ्री नम्बर 1064 पर जानकारी दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से उत्तराखण्ड में आने वाले बाहरी असामाजिक तत्वों पर रोक लगाना जरूरी है। इसके लिए पुलिस महकमे के साथ ही वन विभाग व अन्य विभागों को चौकन्ना रहने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा इसके लिए सघन चेकिंग अभियान समय-समय पर चलाये जांए। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी एवं तत्परता से करें। जन समस्याओं का निराकरण अपना दायित्व समझें। उन्होंने कहा कि कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने पर सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। अधिकारी जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कर विकास कार्यों को गति दें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आम जनमानस के साथ ही जनप्रतिनिधियों के फोन अवश्य उठायें तथा लोगों को सकारात्मक रूप से सुनवाई कर समस्या का समाधान करें। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी दूसरे विभाग पर ना डाले। इससे कार्यों में विलम्ब होता है।
मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों में धीमी गति से कार्य करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की उन्होंने अधिकारियों से कहा कार्यों में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में विकास कार्यों के प्रोजेक्ट वन विभाग की आपत्तियों के कारण जो प्रोजेक्ट लम्बित है उन्हें सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर सरलीकरण के साथ समाधान करें जिससे विकास कार्यों को गति मिल सकेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने आयुक्त दीपक रावत को निर्देश दिये कि कुमाऊं मण्डल में होने वाले विकास कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए कार्यों में कोताही व शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाए।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि ग्राम स्तर की समस्यायें आम जनमानस की जिला स्तर पर ना आये इसके लिए जिलाधिकारी के साथ ही जनपद स्तरीय अधिकारी क्षेत्रों में जाकर लोगों के बीच उनकी परेशानियों से रूबरू हों ताकि क्षेत्रवासियों की समस्या का समाधान मौके किया जा सके। इसके लिए नोडल अधिकारियों के साथ ही जिला स्तरीय अधिकारी रोस्टर बनाकर क्षेत्रों में कैम्प का आयोजन करें। बैठक में मुख्यमंत्री को जनपद में हो रहे विकास कार्यों की प्रगति पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई।