देहरादून। उत्तराखण्ड देहरादून की महिलाओं के लिए खुशखबरी अब त्वचा विशेषज्ञों के पास त्वचा के टेक्सचर में बदलाव लाने और कायाकल्प के लिए अब गैर सर्जिकल उपकरण के रूप में एक नया चिकित्सीय साधन है। यह उन लोगों के लिए उपचार का एक बहतरीन विकल्प है जो सूरज की किरणों, धुम्रपान और बढ़ती उम्र के कारण त्वचा को पहुंची क्षति से हुई झुर्रियों, महीन रेखाओं, दाग-धब्बों और ढीलेपन से निपटना चाहते हैं।
रविवार को देहरादून में एस्थेटिक डर्मेटोलॉजी कॉन्फ्रेंस में ‘ऑरा’ डिवाइस को लॉन्च किया गया। कॉन्फ्रेन्स में 200 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया, जो देश के बेहतरीन कॉस्मेटिक और एस्थेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट हैं। देहरादून की जानी-मानी एस्थेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना गुलाटी ने बताया कि ‘भारत में उपलब्ध कई आरएफ उपकरणों और प्रौद्योगिकियों के बीच यह त्वचा के कायाकल्प और बदलाव लाने के लिए एक बहुत ही सकारात्मक उम्मीद जगाता है क्योंकि यह शरीर की प्राकृतिक कोलेजन निर्माण प्रक्रिया को प्रेरित करता है’
मेरठ से आये वरिष्ठ त्वचा विशेषज्ञ डॉ. अजय शर्मा ने कहा, “आजकल मरीज छोटी-छोटी सीटिंग्स में अत्यधिक कुशल परिणाम चाहते हैं जो सुरक्षित और आरामदायक भी हो। ऑरा उनकी अपेक्षाओं पर फिट बैठता है, वो लंच ब्रेक में 2-3 सीटिंग्स में ही चिकनी, टाइट और अधिक युवा दिखने वाली त्वचा पा सकते हैं, जैसा कि यह चिकित्सीय उपकरण दावा करता है।’’
सर्जिकल फेस-लिफ्ट्स, या पुरानी शैली के लेजर रिसर्फेसिंग के विपरीत, जो त्वचा की ऊपरी परत को हटा देते हैं, ऑरा से उपचारित व्यक्ति को चेहरे के ठीक होने तक घर के अंदर रहने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि मरीज प्रक्रिया के तुरंत बाद अपनी नियमित दिनचर्या में वापस जा सकते हैं। कुंतल देबगुप्ता, सीईओ, रिवील लेज़र्स फॉर इंडिया एंड सार्क ऑपरेशंस ने कहा, रिवील लेजर उपचार की नई-नई तकनीकों पर काम करता है और हम अपनी सभी प्रक्रियाओं को सुरक्षित और प्रभावी बनाना सुनिश्चित करते हैं ताकि मरीज को कम से कम दर्द और असुविधा हो।