देहरादून। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) ने जनता से पूछा कि वो साल के ’वर्ड ऑफ द ईयर’ पर अपनी राय दे और इससे बहस-मुबाहिसे शुरु हो गए। जनता को आठ शब्द शॉर्टलिस्ट करने को कहा गया, दुनिया भर के 30,000 शब्द प्रेमियों ने अपना मत रखा। सभी चुने गए शब्द मूड, लोकाचार या मानसिक व्यस्तता को प्रकट करते हैं। और नतीजे में, ओयूपी बड़ी खुशी के साथ ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर 2023 घोषित करती है- रिज़
ओयूपी के भाषा विशेषज्ञों ने रिज़ को चुना है। यह शब्द इस बात का दिलचस्प उदाहरण है कि किस तरह एक भाषा आकार लेती है और समुदायों के भीतर साझा की जाती है और फिर बड़े पैमाने पर उसे अपना लिया जाता है। इससे जाहिर होता है कि नई पीढ़ी ऑनलाइन या व्यक्तिगत स्तर पर स्पेस की रचना करती है जहां वे अपने द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा की अपनी खुद की परिभाषा गढ़ते हैं। ऐक्टिविज़्म से लेकर डेटिंग और व्यापक संस्कृति तक नई पीढ़ी का समाज पर ज्यादा असर रहता है, दृष्टिकोणों में भेद रहता है और जीवनशैली भी भाषा में भूमिका निभाती है।
ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर एक ऐसा शब्द (या अभिव्यक्ति) है जो बीते एक तरह से 12 महीनों को प्रतिबिम्बित करता है, जिसमें दीर्घकालिक सांस्कृतिक महत्व की संभावना होती है या सामाजिक इतिहास की झलक देता है। ओयूपी के भाषा विशेषज्ञ शब्दों को चुनने से पहले यह देखते हैं कि वास्तविक भाषा में उसके इस्तेमाल के साक्ष्य हों, फिर वे देखते हैं निरंतर अपडेट होने वाले ऑक्सफोर्ड मॉनिटर कोर्पस ऑफ इंग्लिश के माध्यम से वे पूरे साल पर उभरते रहे हों, हाल में भाषा में जुड़े शब्दों (या अभिव्यक्तियों) की पहचान एवं आवृत्ति के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। इससे पहले ओयूपी द्वारा चुने गए शब्दों में शामिल थे वैक्स क्लाइमेट इमरजेंसी और पहली बार जनता के वोट से चुना गया गोबलिन मोड (2022)।
इस वर्ष चार दिनों की वोटिंग में कांटे की टक्कर रही, आठ शब्द शॉर्टलिस्ट किए गए और फिर जनता ने चार फाइनलिस्ट चुने रिज़, स्विफ्टी, प्रोम्प्ट व सिचुएशनशिप ओयूपी के भाषा विशेषज्ञों ने कोर्पस डाटा, वोट और ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर 2023 के शब्दों के इर्दगिर्द जनता की टिप्पणियों पर विचार किया।
वर्ड ऑफ द ईयर कैम्पेन और विजेता शब्द के बारे में ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजिस के प्रेसिडेंट कैस्पर ग्रैथवोल कहते हैं, ’’यह देखना बेहद खुशी का विषय है कि एक बार फिर से लोग वर्ड ऑफ द ईयर के चयन का हिस्सा बन कर आनंदित है। हजारों लोगों को बहस करते देखना और भाषाई चर्चा का गवाह बनना दर्शाता है कि इसमें कितनी ताकत है, इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि हम क्या हैं और हमारे आसपास की दुनिया में क्या चल रहा है।
पिछले साल, महामारी के बाद, ‘गोबलिन मोड’ हम में से इतने सारे लोगों में प्रतिध्वनित हुआ, ऐसे में यह देखना दिलचस्प है कि उससे विषमता रखने वाला रिज़ जैसा शब्द इस साल सबसे आगे आया है, शायद यह 2023 के मूड को जाहिर करता है, क्योंकि हम सभी कुछ चुनौतीपूर्ण वर्षों के बाद अब खुल रहे हैं और हम जो हैं उसी में अपना आत्मविश्वास हासिल कर रहे हैं।
रिज़ एक ऐसा शब्द है जो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और यह बताता है कि कैसे भाषा कुछ खास सोशल कम्युनिटीज़ के भीतर प्रचंड लोकप्रियता प्राप्त करती है और मुख्यधारा में आ जाती है (और कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि लोकप्रियता खो देती है गायब हो जाती है)। यह कहानी उतनी ही पुरानी है जितनी भाषा है परंतु भाषाई विकास एवं विस्तार की कहानियां जो पहले कई वर्ष लिया करती थीं अब कुछ महीने या हफ्ते लेती हैं। रिज़ के इस्तेमाल के आंकड़े साबित करते हैं कि इंटरनेट संस्कृति से उपजे शब्द एवं वाक्यांश ज्यादा तादाद में लोगों की रोजाना की बातचीत का हिस्सा बन रहे हैं और भविष्य में भाषा के रुझानों की आकार देते रहेंगे।’’