उत्तरायणी पर्व पर पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किये गये सांस्कृतिक कार्यक्रम

देहरादून। पर्यटन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जिलों में उत्तरायणी पर्व जिसे घुघुतिया त्योहार भी कहा जाता है मनाया जा रहा है। उत्तरायणी पर्व के अवसर पर भक्ति संगीतमय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

पर्यटन विभाग द्वारा उत्तरायणी कौतिक के अवसर पर कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा में प्रातः आरती व पूजन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उदघाटन कनिष्क प्रमुख ब्लॉक हवालबाग नरेन्द्र कुमार, प्रधान व पूर्व प्रधान ग्राम कटारमल के हाथों से द्वीप प्रज्वलन करके किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत बेडू पाको बारामासा, हे मधु, मॉडल कुमाऊं, उत्तरायणी कौतिक लागिरो जैसे लोकगीतों पर स्थानीय कलाकारों द्वारा सुन्दर सुन्दर प्रस्तुतियां दी गयी। इस मौके पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों ने उत्तराखण्डी नृत्य व लोकगीतों का आनंद लिया। इस मौके पर सूर्य मंदिर काटरमल का प्रदीपन भी विभाग द्वारा किया गया है जो अत्यंत ही मनमोहक है। 

वहीं उत्तरायणी पर्व सम्पूर्ण कुमाऊं का प्रसिद्व मेला है। बागेश्वर में इस अवसर पर प्रातः काल से ही दूर-दूर से श्रद्धालुओं, भक्तजनों ने आकर मुंडन, जनेंऊ संस्कार, स्नान, पूजा अर्चना की। मान्यता है कि वर्ष में सूर्य देव छः माह दक्षिणायन में व छः माह उत्तरायण में रहते हैं। मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करते है। इस समय संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। इस मौके पर मेले में बाहर से आये कलाकारों द्वारा विशेष नाटाकों व स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय संस्कृति का प्रदर्शन किया।

उत्तरायणी पर्व के अवसर पर टिहरी में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस्कॉन के अनुयायियों को आमंत्रित किया गया जिनके द्वारा आध्यात्मिक भक्ति संगीतमय प्रस्तुति दी गयी। इस मौके पर देवप्रयाग घाट पर गंगा आरती का आयोजन किया गया। टिहरी जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने कहा कि उत्तरायणी पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का मुख्य उददेश्य राज्य को आध्यात्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *