देहरादून। चुनावी राज्य उत्तराखंड में कांग्रेस जहां नेताओं की आपसी गुटबाजी में उलझी हुई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है क्योंकि उसके केंद्रीय नेताओं को लगता है कि मुख्यमंत्री के रूप में युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी की नियुक्ति ने कुछ ही महीनों में दो बार मुख्यमंत्री बदलने से पैदा हुई नकारात्मक स्थिति की काट में मदद पहुंचाई।
केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा विधानसभा का अगला चुनाव धामी के ही नेतृत्व में लड़ेगी और 2022 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद वही राज्य की कमान संभालेंगे।
भाजपा के केंद्रीय नेता भी धामी की तारीफ के पुल बांध रहे हैं। पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी के प्रदर्शन की तुलना भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टी-20 मैचों में शानदार बल्लेबाजी के प्रदर्शन से की थी और जनता से उन्हें पूरे पांच साल के लिये मौका देने की अपील की थी।
पिछले दिनों उत्तराखंड में एक रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था कि धोनी जिस तरह टी-20 में धुआंधार बल्लेबाजी करते हैं, वैसा ही धुआंधार प्रदर्शन धामी भी कर रहे हैं और उन्हें ‘‘पूरे पांच साल तक’’ टेस्ट मैच का मौका मिलना चाहिए।
भाजपा महासचिव व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम से इस बारे में जब बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा विधानसभा का आगामी चुनाव धामी के नेतृत्व में लड़ेगी। बहुत कम समय में उन्होंने विभिन्न कदम उठाए हैं और राज्य में विकास की गति को रफ्तार दी है।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक युवा राज्य में एक युवा को मुख्यमंत्री बनाया है, जबकि कांग्रेस बंटी हुई है और उसमें चेहरे को लेकर आपसी खींचतान मची हुई है, वह भी विधानसभा चुनाव से पहले।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रभावी प्रशासन और खासकर कुछ ही महीनों के भीतर दो बार मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद धामी ने जिस तरह से राजनीतिक स्थिति को संभाला, पार्टी में उनकी स्थिति मजबूत हुई है।
उक्त नेता ने कहा, ‘‘धामी ने जिस तरीके से राजनीतिक स्थितियों का प्रबंधन किया और वरिष्ठ नेताओं के साथ सामंजस्य बिठाया, इससे भाजपा फिर से मजबूत स्थिति मे आ गई है और सरकार बनाने की संभावना बढ़ गई है।’’
ज्ञात हो कि धामी इस साल जुलाई में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। वह राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने तीरथ सिंह रावत का स्थान लिया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद तीरथ सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन चार महीने के भीतर ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।
पार्टी नेताओं का कहना है कि उत्तराखंड की राजनीति में मुख्य तौर पर दो केंद्र हैं। कुमाऊं और गढ़वाल। धामी ने अभी तक के अपने कार्यकाल में दोनों ही क्षेत्रों का लगातार दौरा किया है और एक सामंजस्य बिठाने की कोशिश की है।
भाजपा के कई नेता पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह चुनावों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे और उम्मीदवारों के चयन में उन्हें महत्व दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह हल्द्वानी में एक रैली को संबोधित कर सकते हैं।