डॉ. बीआरसी की डिप डाइट को नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय की मान्यता

देहरादून। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा क्लीनिकल ट्रायल के बाद, डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी की डिप डाइट को मधुमेह के इलाज में कारगर पाए जाने की पुष्टि की गई है। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय के निदेशक, डॉ. राम आधार यादव ने नेपाल में डिप डाइट लागू किए जाने की संभावना व्यक्त की है। इससे पूर्व, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी अपने क्लीनिकल ट्रायल में डिप डाइट को अस्थि रोगों के इलाज में उपयोगी पाया था। डॉ. चौधरी, जिन्हें बीआरसी भी कहा जाता है, के आविष्कार – ग्रैड सिस्टम से ठीक होने वालों में उत्तराखंड के मरीज भी शामिल हैं।

ऐसा पहली बार है कि किसी विशेषज्ञ द्वारा सुझाई गई एक डाइट को दो देशों की सरकारों ने मान्यता दी है। राजधानी दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में देश भर के दर्जनों मरीजों ने ग्रैड सिस्टम से अपने किडनी, डायबिटीज और दिल के रोग ठीक होने की सप्रमाण पुष्टि की। इस मौके पर, डॉ. चौधरी की किताब “फिश टैंक मॉडल फॉर हार्ट केयर” भी लॉन्च की गई।

डॉ. बीआरसी का ग्रैड सिस्टम कैंसर, थैलीसीमिया, किडनी व लिवर फेल, डायबिटीज़ टाईप1-2, तथा ब्रेन टयूमर जैसे असाध्य रोगों को रिवर्स करने में उपयोगी पाया गया है। डॉ. चौधरी ने आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी भारतीय पारंपरिक पद्धतियों के उत्थान के लिए सरकार से ड्रग एवं मैजिक रेमेडी एक्ट 1954 को रद्द करने की मांग की है।

डॉ. चौधरी ने कहा, “हम स्वस्थ भारत अभियान के तहत, लोगों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति की दवाइयों के दुष्प्रभावों, महंगी दवाओं व अंग प्रत्यारोपण के बिना, सिर्फ लाइफ स्टाइल में परिवर्तन, आयुर्वेद, अनुशासित दिनचर्या, प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म व संतुलित आहार के माध्यम से नया जीवन प्रदान करने में सफल हुए हैं।”

गुर्दा रोगियों ने बताया कि कैसे उन्हें डाइलिसिस से मुक्ति मिल गई, कैसे थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को अब बार-बार रक्त नहीं चढ़ाना पड़ता है, और कैसे लास्ट स्टेज कैंसर के कुछ मरीज अब स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। श्रीधर यूनिवर्सिटी, पिलानी ने इंजीनियरिंग ग्रेजुएट व डायबिटीज में पोस्ट ग्रेजुएट, डॉ. चौधरी को डायबिटीज व क्रोनिक किडनी डिजीज में उल्लेखनीय कार्य के लिए मानद पीएचडी प्रदान की है।

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