
देहरादून। विस्तार प्रभाग, आईसीएफआरई वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा “विस्तार वानिकी के लिए रणनीतियाँ” विषय पर एक प्रभागीय स्तरीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रारंभ में, विस्तार प्रभाग के वैज्ञानिक-एफ डॉ. चरण सिंह ने आयोजन टीम का परिचय कराया और विस्तार प्रभाग की प्रमुख श्रीमती ऋचा मिश्रा को स्वागत भाषण एवं उद्घाटन टिप्पणी देने हेतु आमंत्रित किया।
ऋचा मिश्रा ने निदेशक एवं सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने संगोष्ठी के महत्व और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी विचारों के आदान-प्रदान और प्रभावी एवं दक्ष वानिकी विस्तार के लिए नई योजनाएं बनाने का एक साझा मंच है, जो जनसहभागिता आधारित उपयुक्त और प्रभावशाली विस्तार रणनीति के निर्माण में सहायक होगा।
संस्थान की निदेशक डॉ. रेनू सिंह, IFS ने संगोष्ठी का उद्घाटन किया और 80 से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने ग्रामीण एवं शहरी समुदाय के कल्याण हेतु विस्तार वानिकी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वनों से बाहर के क्षेत्रों में वानिकी का विस्तार जलवायु परिवर्तन के शमन के साथ-साथ आजीविका सृजन में भी सहायक हो सकता है। उन्होंने बताया कि वानिकी विस्तार के अनेक अवसर हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान अपने तकनीकी ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है, जिसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली एवं चंडीगढ़ जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के अंतर्गत आने वाले वन विज्ञान केंद्रों (वन विज्ञान केंद्र – वीवीके) के माध्यम से विभिन्न विस्तार माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त संस्थान वन विज्ञान केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के नेटवर्क के अंतर्गत भी विस्तार गतिविधियाँ संचालित कर रहा है। वन अनुसंधान संस्थान सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रूप से वानिकी के क्षेत्र में उत्पन्न वैज्ञानिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
तकनीकी सत्र के दौरान, आईसीएआर भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बांके बिहारी ने “विस्तार वानिकी के लिए रणनीतियाँ” विषय पर एक प्रस्तुति दी। अपनी प्रस्तुति में उन्होंने वानिकी विस्तार की संभावनाओं और वनों के बाहर वानिकी विस्तार के क्षेत्रों के बारे में बताया। चर्चा के दौरान प्रतिभागियों ने विषय से संबंधित प्रश्न और जिज्ञासाएँ प्रस्तुत कीं, जिनका विषय विशेषज्ञों द्वारा उत्तर दिया गया।
संगोष्ठी का समापन विस्तार प्रभाग के डॉ. चरण सिंह, वैज्ञानिक-एफ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। संगोष्ठी को सफल बनाने में प्रभाग के सभी सदस्यों ने सराहनीय योगदान दिया, जिनमें वैज्ञानिक रामबीर सिंह और लोकिंदर शर्मा तथा सहायक तकनीकी कर्मचारी नवीन चौहान, पवन देवशाली, अमित सिंह एवं पुष्कर सिंह शामिल थे।