पंतनगर। जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपना लो कार्बन ग्रीन जिंक ब्रांड इकोजेन लॉन्च किया। एसएंडपी ग्लोबल सीएसए के अनुसार विव की सबसे सस्टेनेबल धातु और खनन कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त यह कंपनी एशिया की पहली जिंक उत्पादक है जिसने दुनिया भर में अपने ग्राहकों के लिए अपनी तरह का पहला लो कार्बन ग्रीन जिंक ऑफर किया है। इकोजेन को एक प्रसिद्ध वैश्विक स्थिरता परामर्श फर्म द्वारा जीवन चक्र मूल्यांकन, एलसीए के माध्यम से लो-कार्बन जिंक के रूप में प्रमाणित किया गया है और इसका कार्बन फुटप्रिंट प्रति टन उत्पादित जिंक पर एक टन से भी कम कार्बन समतुल्य है, जो वैश्विक औसत से 75 प्रतिात कम है। जिंक का प्राथमिक अनुप्रयोग स्टील को जंग से बचाने के लिए गैल्वनाइजेशन के लिए है स्टील, इंफ्रास्ट्रक्चर, अटोमोटिव और सनराइज सेक्टर जैसे अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रनिक्स, हाई-टेक विनिर्माण, ऊर्जा भंडारण, रक्षा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन और वेदांता समूह की गैर-कार्यकारी निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि, स्थिरता हमारे सभी व्यावसायिक निर्णयों के मूल में बनी हुई है। हिंदुस्तान जिंक का एसएंडपी इंडेक्स में नंबर एक होना, एक स्थायी भविष्य के निर्माण की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इकोजेन का शुभारंभ 2050 तक नेट जीरो बनने की हमारी यात्रा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, इकोजेन का लॉन्च हमारे परिचालन को डीकार्बोनाइज करने की हमारी यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूक ग्राहकों की सेवा भी करता है जो अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की उत्पत्ति के बारे में जागरूक हैं और अपनी आपूर्ति श्रृंखला को डीकार्बोनाइज करने का लक्ष्य रखते हैं। यह हिंदुस्तान जिंक के नेट-जीरो लक्ष्यों के अनुरूप हमारी उत्पाद रणनीति में एक प्रमुख मील का पत्थर है।