भारत की पहली बॉर्डर एडवेंचर रेसः एडवेंचर/मेचुखा तीसरी राष्ट्रीय एडवेंचर रेसिंग चैंपियनशिप 2025 में रोमांच के लिए तैयार

कोलकाता। पर्यटन विभाग, अरुणाचल प्रदेश सरकार और एनटीएडवेंचर द्वारा आयोजित साहसिक रेसिंग का रोमांच नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए तैयार है, क्योंकि तीसरी राष्ट्रीय साहसिक रेसिंग चैंम्पियनशिप 2025 अरुणाचल प्रदेश के मेचुखा के लुभावने परिदृश्यों में रोमांचकारी अनुभव के लिए तैयार है। यह प्रतियोगिता एशिया चैंम्पियनशिप 2025 के लिए क्वालीफायर के रूप में काम करेगी, जो भारत की पहली अण्डरलाईन साहसिक दौड़ में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टीमों को लाएगी। दुनिया के सबसे कठिन खेल के रूप में जाना जाने वाला एडवेंचर रेसिंग, भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जिसमें सांस्कृतिक विसर्जन और इको-पर्यटन के साथ चरम सहनशीलता का सम्मिश्रण है। दो सफल संस्करणों के बाद, चैंपियनशिप का नवीनतम स्थल, मेचुखा जो भारत-तिब्बत सीमा से सिर्फ 29 किमी दूर पूर्वी हिमालय में स्थित है।

इस साहसिक खेल से पूर्व पर्यटन विभाग अरुणाचल प्रदेश ने 10-12 फरवरी, 2025 को स्थानीय लोगों के लिए 50 किलोमीटर की प्रोमो रेस के साथ-साथ एक एडवेंचर रेसिंग, नेविगेशन और तकनीकी कार्यशाला का अयोजन किया था जिसे पर्यटन मंत्री पासंग दोरजी सोना ने हरी झंडी दिखाई थी।

प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पर्यटन मंत्री पासंग दोरजी सोना ने बताया कि हमारा दृष्टिकोण मेचुखा को एक अग्रणी साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना तथा इसके प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है।

यह रेस क्यों खास हैः

भारत की पहली बॉर्डर एडवेंचर रेसः यह अरुणाचल प्रदेश में अपनी तरह की पहली एडवेंचर रेस होगी, जो शानदार हिमालय की गोद में आयोजित होगी।

एशिया चैंम्पियनशिप 2025 के लिए आधिकारिक क्वालीफायरः एशियाई चैंम्पियनशिप में स्थान पाने के लिए प्रतिष्ठित टीमें प्रतिस्पर्धा करेंगी तथा वैश्विक एडवेंचर रेसिंग सर्किट की ओर बढ़ेंगी।

अभूतपूर्व आतिथ्यः इस अनोखे आयोजन में सांस्कृतिक और परम्परागत गतिविधियों के साथ-साथ धैर्य रखने वाले खेल भी शामिल हैं।

आकर्षक नकद पुरस्कारः विजेता न केवल अंतिम चैंम्पियनशिप खिताब और ट्रॉफी प्राप्त करेंगे, बल्कि 20,000 अमेरिकी डॉलर का विशेष पुरस्कार भी साझा करेंगे।

विविध खेलों की चुनौतियांः इस चैंपियनशिप में ट्रेल रनिंग, हाइकिंग, माउंटेन बाइकिंग, कयाकिंग, रोप वर्क, रिवर क्रॉसिंग और नेविगेशन जैसी गतिविधियां शामिल होंगी, जिनमें प्रतिभागियों को सुरम्य घाटियों, आदिवासी गांवों और प्राचीन नदियों से होकर ले जाया जाएगा।

रेस डायरेक्टर अजीता मदान और सायशा किरानी प्रतिभागियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनाने के लिए अरुणाचल प्रदेश पर्यटन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अजीता मदान कहती हैं, एडवेंचर रेसिंग वह जगह है जहाँ धैर्य, संस्कृति और स्थिरता से मिलता है, जो सकारात्मक आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव छोड़ता है। उन्होंने कहा कि यह रेस भारत को वैश्विक एडवेंचर रेसिंग मानचित्र पर ला खड़ा करेगी।

प्रतियोगिता में केवल 30 टीम स्लॉट उपलब्ध होने के कारण, पंजीकरण तेजी से भर रहे हैं। मलेशिया और फिलीपींस की टीमों ने पहले ही अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है, जो टीम शेरशाह नम्मा एडवेंचर रेस 3.0 की विजेता है।

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