देहरादून। भारत में ब्रिटिश शिक्षा व कौशल प्रशिक्षण देने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईएसडीसी) ने होटल शंग्रीला, नई दिल्ली में एक गोलमेज़ चर्चा का आयोजन किया। इसमें शामिल वक्ताओं ने ’’सीमाओं से परे शिक्षाः अंतर्राष्ट्रीयकरणः आगे की राह’’ पर विस्तार से बातचीत की। इस गोलमेज़ चर्चा में दिल्ली-एनसीआर के अग्रणी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने हिस्सा लिया। इस चर्चा में नई शिक्षा नीति के आधार पर भारतीय और विदेशी उच्चतर शिक्षा संस्थानों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु नए यूजीसी नियमों पर बात की गई।
यह गोलमेज़ चर्चा आईएसडीसी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय रोड शो का हिस्सा थी। यह आयोजन देश के 12 शहरों को आपस में जोड़ेगा और इसमें ऐसी 11 चर्चाएं होंगी तथा एक मेगा कॉन्फ्रेंस बैंगलोर में आयोजित होगी। गोलमेज़ चर्चाओं का यह दौर 10 अक्टूबर 2022 को हैदराबाद में आरंभ हुआ और 22 अक्टूबर 2022 को कोची में इसका समापन होगा।
आईएसडीसी में रणनीति एवं विकास हेतु कार्यकारी निदेशक टॉम जोसफ ने कहा, ’’नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उच्चतर शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई कदम उठा रही है। भारतीय विद्यार्थियों हेतु एक सहयोगात्म वातावरण विकसित करने के लिए भारतीय एवं विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के इर्दगिर्द यूजीसी ने नियमों का नया संग्रह शुरु किया है। हमें आशा है की गोलमेज़ चर्चाओं की हमारी इस श्रृंखला के जरिए हम अधिकतम तादाद में विद्यार्थियों तक पहुंच पाएंगे तथा शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के सकारात्मक पहलुओं पर प्र्रकाश डाल सकेंगे और उनके करियर में बेहतरीन कामयाबी हासिल करने में उन्हें मदद देंगे।’’
स्कॉटिश क्वालिफिकेशंस अथॉरिटी (एसक्यूए) में अंतर्राष्ट्रीय विकास प्रमुख मार्गरेट क्युरेन ने कहा, ’’एसक्यूए और आईएसडीसी के बीच सहयोग का मुख्य लक्ष्य भारतीय विद्यार्थियों को 2+1 की व्यवस्था के साथ यूके में पढ़ने का अवसर देना है, जिसके तहत विद्यार्थी दो वर्ष भारत में पढ़ेंगे औैर फिर एक वर्ष यूके विश्वविद्यालयों में पढ़ने जाएंगे। इससे विद्यार्थी ज्यादा किफायती विकल्प के साथ यूके से डिग्री प्राप्त कर पाएंगे।’’
आईएसडीसी के प्रवक्ता एवं हैड ऑफ स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव्स प्रीतम सरकार ने कहा, ’’आज पहले से कहीं ज्यादा संख्या में भारतीय विद्यार्थी यूके में उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं। सिर्फ ट्यूशन फीस के लिए ही उन्हें सालाना 10 से 15 लाख रुपए देने पड़ते हैं। कुल खर्चा 80 से 90 लाख रुपए तक हो जाता है।
इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शामिल थे- ऐमिटी यूनिवर्सिटी, बेनेट यूनिवर्सिटी, शिव नादर यूनिवर्सिटी, शारदा यूनिवर्सिटी, केआर मंगलम, हंसराज कॉलेज, भगत सिंह कॉलेज, मैत्रेयी कॉलेज, एसजीटी यूनिवर्सिटी, गार्गी कॉलेज, एसआरएम यूनिवर्सिटी, जीएसए यूनिवर्सिटी, एमआरयू यूनिवर्सिटी, मानव रचना यूनिवर्सिटी, लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट।