देहरादून। चारधाम यात्रा और प्रदेश में चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) की ओर से यमनोत्री और रुद्रप्रयाग में स्थानीय निवासीयों को रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) का विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू, कटरा के चार विशेषज्ञ दे रहे हैं। यमनोत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम में करीब 75 से अधिक स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे पूर्व पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का 23 नवंबर को शुभारंभ किया था।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि यमनोत्री और केदारनाथ धाम के पट खुलने पर रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के माध्यम से स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार की अपार संभावनाऐं हैं। यह पहल श्री यमनोत्री धाम, श्री केदारनाथ धाम समेत ट्रेकिंग में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। भविष्य में प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्थानीय महिलाऐं भी भाग लेंगी।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की मालिश) हमारी प्राचीन चिकित्सा है। रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा है, जो भारत सहित अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है। रिफ्लेक्सोलॉजी एक ऐसी थ्योरी पर काम करती है जो शरीर के अंगों और तंत्रों से जुड़ी होती है। शरीर के कुछ अंगों पर दबाव देने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं। रिफ्लेक्सोलॉजी की सभ्य कला आपके पैरों, हाथों और कानों पर स्थित विशिष्ट प्रतिबिंब बिंदुओं पर मालिश पर केंद्रित है जो आपके शरीर के हर क्षेत्र से मेल खाती है।
पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किये अंगूठे, अंगुली और हस्त तकनीक द्वारा पैर और हाथ पर दबाव डाला जाता है। लम्बे ट्रैकों पर जाने वाले पयर्टकों को पैरों की मालिश करने से थकान में राहत मिलेगी तथा उनके सम्पूर्ण शरीर में नई ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने बताया कि इस 2,000 साल पुरानी मालिश चिकित्सा का ज्ञान और तकनीक बौद्ध भिक्षुओं के गुप्त रहस्य थे। जिन्हें जीवित रखा गया और पीढ़ियों से पारित किया गया।
यूटीडीबी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि प्रशिक्षित फुट थेरेपिस्ट रिफ्लेक्सोलॉजी के माध्यम से 150 से 300 रुपये प्रति यात्री और प्रति दिन 1000 से 1500 रुपये तक कमा सकते हैं। इतना ही नहीं इससे तीर्थयात्रियों/पर्यटकों/ट्रेकरों को देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ों पर चलते हुए बहुत राहत भी मिलेगी। दुनिया भर में बड़ी संख्या में रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट इस तरह की सुविधा दे रहे हैं।