नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर स्थित देश की आधिकारिक रिकॉर्ड-कीपर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (आईबीआर) लगातार प्रतिभाओं का समर्थन करते हुए साहसी कृत्यों को बढ़ावा देती रही है। पिछले कुछ हफ्तों में कई गतिविधियां कीर्तिमानों के रूप में दर्ज की गईं। इनमें से कुछ का उल्लेख इसके संबद्ध प्रकाशन एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी किया गया है।
जो व्यक्ति एवं संगठन अपने-अपने क्षेत्र में पहचान स्थापित कर प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचे, उनमें नागराज बी, एमएस धोनी ग्लोबल स्कूल, वि़ज़डम ट्री किड्ज़ स्कूल, जैन्थन फ्रांसिस, गीता धर्म मंडल, आरोग्य पीठ, आचार्य राम गोपाल दीक्षित, डॉ. किरमे शंकर नारायण, वेध एक्टिंग अकादमी, रोटरी क्लब ऑफ मुंबई, और देवाक्षी ग्रेस मुखर्जी के नाम उल्लेखनीय हैं।
तमिलनाडु में कोयंबटूर के नागराज बी ने छात्रों को विभिन्न विषयों पर 24 घंटे का सबसे लंबा वित्तीय व्याख्यान दिया। एमएस धोनी ग्लोबल स्कूल, बेंगलुरु ने एमएसडी एडुकार्निवल एक्सपो 24 के दौरान, संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों की थीम के तहत 297 परियोजनाएं चलाकर एक रिकॉर्ड बनाया। पोलाची, कोयंबटूर के विज़डम ट्री किड्ज़ स्कूल ने स्मार्ट बिन के विकास में भाग लेने वाले बच्चों की अधिकतम संख्या का रिकॉर्ड बनाया।
अपनी बेटी के पहले जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए 10,00,200 बार ‘आई लव यू’ लिखने का रिकॉर्ड सिकंदराबाद के जैन्थन फ्रांसिस ने बनाया। महाराष्ट्र के गीता धर्म मंडल ने एक ही स्थान पर 10,697 लोगों द्वारा भगवद गीता का पाठ करने का रिकॉर्ड बनाया। आचार्य राम गोपाल दीक्षित द्वारा आयोजित वैलनेस न्यूरोथेरेपी ग्लोबल समिट के दौरान आरोग्य पीठ, दिल्ली द्वारा एक ही स्थान पर एक साथ मरीजों का इलाज करने वाले न्यूरोथेरेपिस्टों की अधिकतम संख्या का रिकॉर्ड बनाया गया। महाराष्ट्र के चंद्रपुर के डॉ. किरमे शंकर नारायण ने आयुर्वेदिक हेयर रीग्रोथ चिकित्सा से सर्वाधिक लोगों का इलाज करने का रिकॉर्ड बनाया।
एक नाटक में परफॉर्म करने वाले छात्रों की अधिकतम संख्या का रिकॉर्ड श्री मुद्रा कला निकेतन के सहयोग से डोंबिवली, ठाणे की वेध एक्टिंग अकादमी द्वारा स्थापित किया गया। यह अपूर्वा प्रोडक्शंस की प्रस्तुति थी। सबसे ऊंचा कार्डबोर्ड क्रिसमस ट्री बनाने का रिकॉर्ड रोटरी क्लब ऑफ मुंबई भांडुप, महाराष्ट्र द्वारा बनाया गया। कर्नाटक के मुधोल की 12-वर्षीय देवाक्षी ग्रेस मुखर्जी ने सेव द चिल्ड्रेन (बाल रक्षा भारत) के साथ एक समझौते के तहत, अपने पिता के साथ 14,000 फीट ऊंचाई पर हिमालय में संदक्फू-फालुट ट्रेक पर 10 दिनों में 84 किमी चढ़ाई और 8,30,000 रुपए की धनराशि जुटाई।