पंतनगर। वेदांता समूह की कंपनी और जिंक, लेड और सिल्वर हेतु हिंदुस्तान जिंक, की ईएसजी प्रतिबद्धता के अनुसार शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने की अपनी यात्रा महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हिंदुस्तान जिंक का पंतनगर मेटल प्लांट (पीएमपी) वेदांता लिमिटेड की पहली इकाई बन गया है, जो अपने संचालन के लिए 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा का स्रोत है। पीएमपी इकाई ने जलविद्युत का उपयोग करके अक्षय ऊर्जा प्रदान करने के लिए मेसर्स यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पाेरेशन लिमिटेड) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
हिंदुस्तान जिंक के लिए यह गर्व का क्षण है क्योंकि उत्सर्जन नियंत्रण यात्रा के तहत् एमओयू कर अपने कार्बन पदचिह्न को कम करके भविष्य में प्रगति ओर अग्रसर हैं। पंतनगर में हरित ऊर्जा में परिवर्तन से कार्बन उत्सर्जन में 37,936 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।
एमओयू के बारे में हिंदुस्तान जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी, अरुण मिश्रा ने कहा, कि“पंतनगर इकाई को 100 प्रतिशत हरित बिजली की आपूर्ति के लिए नेट जीरो की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल है। इससे हरित उत्पाद की श्रृंखला विकसित करने में सहायता मिलेगी जो कि हितधारकों और कंपनी के बीच सस्टेनेबल प्रतिबद्धता को बढ़ाएगा। कंपनी ने एसपीवी के साथ 200 मेगावाट की क्षमता तक का दीर्घकालिक नवीकरणीय बिजली वितरण समझौता भी किया है, इसमें 350 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
हिंदुस्तान जिंक अपने ईएसजी प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए 2025 तक कठोर स्थिरता लक्ष्य निर्धारित किए हैं और इसे प्राप्त करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। पूर्ण पारदर्शिता के साथ स्थायी संचालन द्वारा संचालित शून्य अपशिष्ट और शून्य निर्वहन संस्कृति को प्रोत्साहित करना हिंदुस्तान जिंक के लिए प्राकृतिक मानव संसाधनों का संरक्षण ही प्रमुख है।