हल्द्वानी : उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण कर सूबे की सत्ता एक बार फिर से संभाल ली है। लेकिन उनके सामने छह महीने के अंदर उपचुनाव जीतने के चुनौती है। क्याेंकि धामी खटीमा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी से उपचुनाव हार चुके हैं। ऐसे में पार्टी उनके लिए किसी सुरक्षित सीट को खाली कराकर उपचुनाव लड़ाएगी। अटकलें लगाई जा रही हैं कि धामी को कालाढूंगी या फिर डीडीहाट सीट पर उम्मीदार बनाया जा सकता है। परंपरागत रूप से इन सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा है।पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत कालाढूंगी से चुनाव जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी महेश शर्मा को 23869 वोटों से हराया है। उनकी कुमाऊं की सबसे बड़ी जीत रही। वैसे भी 2012 में परिसीमन के बाद इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी ही जीतते आए हैं। इसलिए चर्चा है कि धामी इस सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो बंशीधर भगत को राज्यपाल या फिर राज्यसभा भेजे जाने की अटकलें भी हैं। फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा डीडीहाट से भी उपचुनाव की चर्चा हैं।वह पुष्कर सिंह धामी का पैतृक क्षेत्र है। यह सीट भी भाजपा के लिए सुरक्षित मानी जाती है। वहां पर लंबे समय से विशन सिंह चुफाल जीतते आए हैं। दूसरे नंबर पर रहने वाले निर्दलीय प्रत्याशी किशन भंडारी को भी धामी का करीबी माना जाता है। उस क्षेत्र में भी चर्चा उपचुनाव की है। पिथौरागढ़ के ही प्रदीप टम्टा राज्य सभा सदस्य हैं। अब उनका कार्यकाल पूरा होने को हैं। ऐसे में भी उनके स्थान पर चुफाल को राज्य सभा भी भेजा जा सकता है। हालांकि यह सब अटकलें हैं।