देहरादून, 15 मार्च। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री अजय कुमार ने कहा कि राज्य में हर पांच साल बाद सरकार बदलने के मिथक को तोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक विशेष रणनीति बनाई थी और चुनावी नतीजे इसकी सफलता की तसदीक भी करते हैं। ज्ञात हो कि हाल में संपन्न उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 70 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की और लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है। भाजपा की इस जीत के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों को वोट बैंक में तब्दील करने सहित कई अन्य कारण प्रमुख रहे, लेकिन इसमें पर्दे के पीछे से भी भाजपा संगठन के कुछ नेताओं की भूमिका प्रमुख रही, जिनमें अजय कुमार भी शामिल हैं। कुमार ने संगठन को मजबूत बनाने, गुटबाजी को समाप्त कर चुनाव में कार्यकताओं को एकजुट करने और प्रधानमंत्री मोदी के नजरिए के अनुसार काम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस से नाराज चल रहे किशोर उपाध्याय जैसे कई नेताओं को भाजपा से जोड़ने में भी उनकी रणनीति कारगर साबित हुई। हालांकि अजय कुमार इस जीत का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन को देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उस पर मैंने निष्ठा के साथ काम किया। आगे भी जो जिम्मेदारी मिलेगी, उस पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।’’ मीडिया से अक्सर दूर रहने वाले कुमार ने कहा, ‘‘उत्तराखंड में जिस तरह की चुनौती थी और हर पांच साल में सरकार बदलने का जो क्रम था, उसे तोड़ने के लिए रणनीतिक तौर पर काम किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रदेश की जनता ने लगातार दूसरी बार भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई।’’ उत्तराखंड का संगठन महामंत्री बनने के पहले अजय कुमार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के मेरठ क्षेत्र के संगठन महामंत्री थे। उत्तरप्रदेश में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें उत्तराखण्ड का संगठन महामंत्री बनाया गया था।