बागेश्वर : हिंदू नव संवत्सर पर सुख, समृद्धि, वैभव और स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए श्रद्धालुओं ने देव मंदिरों में पूजा अर्चना की। देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। गंगा स्नान के बाद लोगों ने देवी हरेला बोया। भजन-कीर्तनों का दौर शुरू हो गया है। देवी-देवताओं को भी गंगा स्नान कराया गया।बाबा बागनाथ की भूमि में देवी के गीतों की गूंज रही।नए संवत्सर नल का लोगों ने पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया। लोग सुबह घरों से उठे और स्नान आदि किया। उसके बाद सीधे मंदिरों का रुख किया। सरयू, गोमती और विलुप्त सरस्वती के संगम पर हर-हर गंगे जयघोष के साथ स्नान किया। बागनाथ मंदिर, चंडिका, भगवत मंदिर कठायतबाड़ा, मैच्यूला मैया पालड़ीछीना, कोट भ्रामरी गरुड़ के अलावा कालभैरव मंदिर, वाणेश्वर मंदिर, नीलेश्वर आदि मंदिरों की परिक्रमा भी की और सुख, समृद्धि, वैभव और स्वस्थ जीवन की कामना की।उधर, कपकोट, गरुड़, कांडा, काफलीगैर, दुग नाकुरी, शामा आदि तहसील क्षेत्रों में भी लोगों ने देव मंदिरों का रुख किया। उधर, पंडित मोहन चंद्र लोहनी ने कहा नए वर्ष में बेहतर सोच के साथ काम करने की जरूरत है। यह वर्ष गत वर्ष से बेहतर रहने की उम्मीद है।जूना अखाड़ा में श्रीमद देवी भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ से पूर्व महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में भव्य कलश यात्रा निकाली। वह सरयू-गोमती तट तक पहुंची और कलश में जल भरा। उसके बाद देवताओं का स्नान कराया। पंडितों ने मंत्रोचार किया। इस दौरान जूना अखड़ा के महंत श्री शंकर गिरी महराज आदि मौजूद थे।