देहरादून। वैश्विक महामारी के चलते दो साल बाद एक बार फिर मुंबई में आउटबॉन्ड ट्रैवलर मार्ट (ओटीएम) का शुभारंभ हो गया। 14 से 16 मार्च तक चलने वाले तीन दिवसीय ओटीएम में देश-विदेश के पर्यटन क्षेत्र से जुड़े भागीदारों समेत उत्तराखण्ड पर्यटन भी प्रतिभाग कर रहा है। उत्तराखण्ड पर्यटन का प्रतिनिधित्व अपर निदेशक विवेक चौहान कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्यटन कारोबार से जुड़े प्रदेश के करीब 50 पर्यटन कारोबारी भी ओटीएम में हिस्सा ले रहे हैं। मुंबई में आयोजित ओटीएम का शुभारंभ मालदीव के पर्यटन मंत्री डॉ. अब्दुल्ला मौसूम ने किया। यूटीडीबी के अपर निदेशक विवेक चौहान ने कहा कि ओटीएम भारत और एशिया के सबसे प्रभावशाली पर्यटन लीडर्स को एक मंच पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका देता है। इस तरह के मंच पर उत्तराखण्ड पर्यटन का प्रतिनिधित्व करना निश्चित रूप से हमारे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। पिछले दो साल में कोरोना प्रतिबंधों के चलते प्रदेश में चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा का बड़े स्तर पर संचालन नहीं किया जा सका। किंतु इस बार सभी स्थिति सामान्य होने पर हमारा प्रदेश चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार है। उम्मीद है कि इस बार यात्रियों की संख्या कोविड पूर्व की तरह अधिक होगी। प्रदेश में इस वर्ष की चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए यात्री सुविधाओं का विस्तार किया गया है। यात्रियों के लिए हेली सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा चारधाम व हेमकुंड साहिब में तीर्थयात्रियों के लिए रहने, खाने के साथ ही अन्य सभी सुविधाओं की व्यवस्था की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अपर निदेशक ने बताया कि प्रदेश में जल्द शुरू होने वाली चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने पहली बार ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण व सत्यापन की व्यवस्था की है। इससे तीर्थयात्रियों व उनके वाहनों की सुरक्षा के साथ उन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से मोबाइल ऐप व वेबसाइट तैयार की गई है। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 03 मई को, केदारनाथ धाम के कपाट 06 मई, और बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को खोले जाएंगे। इस बार श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालु नियमित पूजा-अर्चना के अतिरिक्त आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के दर्शन भी कर सकेंगे। यह पहला मौका होगा जब तीर्थयात्री केदार के दर्शन के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के दर्शन भी पहले दिन से कर सकेंगे। साल 2013 में आई दैवीय आपदा में आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि भी बह गई थी। जिसके बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई है। जिसका लोकार्पण बीते साल नवंबर माह में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। साल 2019 के आंकड़ों पर नजर डाले तो चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 32,40,882 थी। जबकि साल 2020 में 3,21,906 और साल 2021 में 5,09,503 थी। जबकि हेमकुंड साहिब में साल 2019 में 2,40,133 श्रद्धालु आए। साल 2020 में 8,290 और साल 2021 में 19,909 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब आए। प्रदेश में पर्यटन को सुचारु और सुखद बनाने के लिए ऑलवेदर रोड जैसी महत्वकांक्षी परियोजना के तहत सड़क के नेटवर्क को मजबूत बनाया गया है। इससे पर्यटक व तीर्थयात्री सफल व सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक, धार्मिक एवं भौगोलिक परिस्थितियां साहसिक पर्यटन के लिए अनुकूल है। यही वजह है कि यहां रोमांच से भरपूर ट्रैकिंग, रीवर राफ्टिंग, पैरा ग्लाइडिंग, बंजी जंपिंग, स्कीइंग जैसे साहसिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रोपवे यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए एक प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन बन रहा है। रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ अनुबंध करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। राष्ट्रीय आमदनी और कार्यबल में पर्यटन और होटल कारोबार का योगदान लगभग दसवें हिस्से के बराबर है। यह पिछले दो सालों में बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ था। लेकिन अब कोरोना के कम होते मामलों के बीच पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटता दिखाई दे रहा है। पर्यटकों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। प्रदेश के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से हर संभव कार्य किए जा रहे हैं। नतीजा ये है कि राज्य विकास के सफर पर आगे बढ़ रहा है।