रानीखेत। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. जय दत्त वैला राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत में गौरैया संरक्षण पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में गौरैया पक्षी के लिए संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि छावनी परिषद के राजस्व अधीक्षक राजेंद्र पंत द्वारा किया गया।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पुष्पेश पांडे द्वारा मुख्य अतिथि राजेंद्र पंत का स्वागत करते हुए उनके गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रयासों की सराहना की गई। यहां आयोजित संगोष्ठी में डॉ आर के सिंह विभागाध्यक्ष, जीव विज्ञान के द्वारा गौरैया पक्षी के पर्यावास में हो रही कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए छात्र छात्राओं से अपने घरों में हस्त निर्मित गौरैया पक्षी के घोंसले लगाने के संबंध में आवश्यक जानकारियां दी गई। उन्होंने कहा कि यदि गौरैया विलुप्त हो जाती है तो इससे मानव जीवन पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा और पर्यावरण असंतुलित होगा। साथ-साथ उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए गौरैया सहित अन्य पशु पक्षियों के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान देने हेतु छात्र छात्राओं को जागरूक किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेंद्र पंत द्वारा छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित गौरैया के घौंसलों का निरीक्षण किया गया ,और उनको अपने घर पर ही घरेलू वस्तुओं से गौरैया के घोंसले बनाने हेतु आवश्यक जानकारियां दी गई। श्री पंत के अनुसार गौरैया पक्षी मानव का एक अच्छा दोस्त है। यह मानव जाति की जिम्मेदारी है कि वह अपने इस दोस्त का ख्याल रखें । जिसके लिए उन्होंने छात्र-छात्राओं को गौरैया के संरक्षण एवं गौरैया पक्षी की संख्या में वृद्धि होने पर पर्यावरण को होने वाले लाभों पर चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ निहारिका बिष्ट, असिस्टेंट प्रोफेसर, जीव विज्ञान द्वारा एक प्रस्तुतीकरण दिया गया जिसका मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में गौरैया पक्षी के संबंध में मूलभूत जानकारी प्रदान करना तथा उसके पर्यावास में हो रही क्षति को रोकना था। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा गौरैया पक्षी के संवर्धन पर भी विशेष ध्यान देने हेतु छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया। डॉक्टर दीपा पांडे, असिस्टेंट प्रोफेसर जीव विज्ञान द्वारा अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गौरैया पक्षी के कुमाऊं के लोगों तथा गौरैया पक्षी के बीच के संबंधों पर चर्चा की गई । उसके संरक्षण के प्रयासों के बारे में भी छात्र छात्राओं को अवगत कराया गया। डॉ शंकर कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा गौरैया पक्षी एवं मानव के बीच के संबंधों पर चर्चा की गई और पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन में गौरैया पक्षी के योगदान पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ पूर्णिमा विश्वकर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर जीव विज्ञान द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र छात्राओं के लिए गौरैया पक्षी के हस्तनिर्मित घोंसले प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कु0 प्रीति पांडे द्वारा प्रथम स्थान, कुमारी रश्मि पांडे द्वारा द्वितीय स्थान तथा धीरज कुमार द्वारा तृतीय स्थान प्राप्त किया गया महाविद्यालय के प्राचार्य एवं मुख्य अतिथि द्वारा विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए, गौरैया संरक्षण के लिए छात्र-छात्राओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों को अत्यंत जरूरी बताया गया। इस कार्यक्रम में डॉक्टर दीपा पांडे, डॉ भारती बहुगुणा, डॉक्टर कोमल गुप्ता, डॉ जया नैथानी, डॉक्टर रोहित जोशी, डॉक्टर बसंत नेगी, डॉ विजय बिष्ट, डॉ जया नैथानी, डॉ बरखा रौतेला, डॉक्टर बी पी एस कनवाल, डॉक्टर कमला देवी डॉक्टर कल्पना शाह, डॉ पंकज विश्वकर्मा, डॉ गणेश सिंह नेगी, डॉक्टर चंद्रशेखर पंत डॉ महाराज मेहरा सहित महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक एवं 79 बटालियन एनसीसी तथा 24 बटालियन एनसीसी के कैडेट्स भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन प्राचार्य प्रोफेसर पुष्पेश पांडे द्वारा किया गया।