देहरादून डेस्क। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद व गढ़वाल मण्डल विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 29वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन कार्यक्रम में की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पर्यटन मंत्री सतपाल मुहाराज, आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, ऋषिकेश नगर निगम महापौर अनीता ममगांई ने शिरकत की।
इस एक सप्ताह में महोत्सव के दौरान उपस्थित लोगों को विश्व स्तरीय योग गुरूओं से प्राचीन योगिक तकनीकों को सीखने का अवसर मिला। योग कलाओं को सीखने के साथ-साथ इस सात दिवसीय योग महोत्सव के दौरान उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा राज्य की अद्भुत संस्कृति को प्रदर्शित करने का भी मौका मिला।
इस अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि जिस प्रकार मां गंगा अपनी अभियंता को बहाकर शांति का संदेश दे रही है। उसी प्रकार इस योग नगरी से योग का प्रशिक्षण लेकर देश दुनिया में जाने वाले प्रशिक्षक योग की गंगा को योगी गंगा को बहाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि योग हमारी प्राचीन संस्कृति है। जोकि हमें योग के माध्यम से ऊर्जा देने का कार्य करती है। उन्होंने पर्यटन विभाग व गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा आयोजित योग महोत्सव को सफलतापूर्वक पूरा करने पर बधाई दी।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि योग के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को जागरूक किया है उसी प्रकार उत्तराखंड सरकार ने भी 21 जून को विधानसभा में सभी विधायकों से आग्रह किया कि वह नियमित रूप से योग करें। उन्होंने कहा करो योग रहो निरोग का संदेश आज पूरी दुनिया में फैला है।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य पर्यटन को बढावा देने में योग शिक्षा का अभूतपूर्व योगदान रहा है। हमारी सरकार उत्तराखंड राज्य योग का केंद्र बनने के लिए प्रतिबद्ध है और ऋषिकेश में आयोजित यह सात दिनों का पर्व इस दिशा में उठाया हुआ एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा, ‘‘कोरोना काल के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के इस सफल अयोजन के लिए मैं सभी हितधरकों और अधिकारियों को बधाई देता हूं और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए मैं सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करता हूं।’’
योग महोत्सव में भाग लेने वाले अतिथियों व योग गुरुओं ने 29वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के सफल आयोजन के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद वा गढ़वाल मंडल निगम की सराहना की।
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोना काल में योग का काफी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। निरंतर योग करने से कोई भी बीमारी नहीं आती है। योग प्रवचन या कथा नहीं, बल्कि प्रयोगात्मक कला है। जिसको करने से कोई भी बीमारी नजदीक तक नहीं आती है। उन्होंने कहा कि दुनिया की किसी भी दवाई में बीमारी का निदान नहीं है, उसका निदान तो योग में ही है। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजनों से दुनिया भर में योग और आयुर्वेद की समृद्ध विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जायेगा।
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के संगीतमय कार्यक्रम में शनिवार की रात बाॅलीवुड के प्रसिद्ध गायक मोहित चैहान ने शानदार गीतों की प्रस्तुति देकर हजारों की संख्या में आये लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं हिमांचल में रहता हूं लेकिन उत्तराखण्ड हमेशा मेरे जीवन में एक विशेष स्थान रखता है। क्योंकि मेरी पत्नी यहां से है। मैं कई जगहों पर रहा हूं लेकिन उत्तराखण्ड राज्य में कई अद्भुत स्थल हैं। जिसने मुझे हमेशा आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखण्ड में अपने गीतों की शूटिंग के लिए यहां दोबारा आना चाहूंगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि योग की असली परिभाषा आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाना है। योग समाधि की ओर भी ले जाता है। जिसको करने के लिए अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष महावीर सिंह रांगड ने कहा कि योग हमारी प्राचीन सभ्यता है। जिसके प्रचार प्रसार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफी योगदान रहा है। जिसके कारण आज देश ही नहीं दुनिया में योग के प्रति लोगों की जिज्ञासा बढ़ी है। ऋषिकेश व मुनिकीरेती योगनगरी के रूप में विश्व में विख्यात हुई है। उन्होंने कहा कि योग सप्ताह में जिन योगियों ने प्रतिभाग किया, वह यहां से योग सीख कर पूरी दुनिया में इसका प्रचार-प्रसार करें।
डा0 लक्ष्मी नारायण जोशी ने प्रातः कालीन सत्र में पंचकर्मा हाल में योग चिकित्सा के बारे में बताते हुए कहा कि आसन करते हुए यदि चिकित्सीय लाभ लेने हैं तो साधक को आसन का सही तरीका, समय सीमा और आसन के बाद किये जाने वाले पूरक आसन की जानकारी होनी चाहिए। डा0 जोशी ने कहा कि आसन में उपयोग में आने वाली नाड़ी पर सही दबाव यदि डाला जाय तो तभी चिकित्सीय लाभ मिलते हैं। उदाहरण के लिए मधुमेह रोगी जब मण्डूक आसन, अर्द्धमत्सेन्द्र आसन को करते हैं। कन्ध योनि स्थान पर दबाव डालें जो कि नाभि के पास का स्थान है तो इन्सुलिन की मात्रा शरीर में बढ़ने लगेगी।
ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की बी0के0 शिवानी ने मुख्य पाण्डाल में योग साधकों को आॅनलाईन (वर्चुअल) माद्यम से संबोधित करते हुए कहा कि पिछला साल कई प्रश्न लेकर आया था। जिससे हम सभी लोगों ने काफी कुछ सीखा उन्होंने कहा कि हमारा मन और चित प्रशनों में उलझा रहता है। हम खुश नहीं रह पाते हैं, जो प्रश्न चित होता है, व प्रसन्न नहीं रह पाता। ऐसे ही मन उलझनों में रहता है कि ऐसा क्यों हुआ हमारे साथ ही ऐसा क्यों होता है। इस कोरोना काल में लोगों ने योग के महत्व को समझा और उसे जीवन में उतारने की कोशिश की।
योगिनी ऊषा माता ने योग साधकों को शरीर विज्ञान के बारे मे बताते हुए कहा कि शरीर अष्ट धातुओं से बना हुआ है। जिसे अष्टा चक्र भी कहते हैं, उन्होंने कहा यह शरीर अयोध्या नगरी है। इसको हम जितना पवित्र और सात्विक रखेंगे उतना ही शरीर स्वस्थ्य रहेगा। हमें अपने शरीर को तीर्थ नगरी के समान मानते हुए उसकी पवित्रता का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। योगिनी ऊषा माता ने योग साधकों को योग व प्राणायाम के अभ्यास कराये।
आर्ट ऑफ लिविंग के मोहित सती ने मुख्य पण्डाल में अष्टांग योग एवं सूक्ष्म व्यायाम के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे जीवन के हर पहलू में योग छिपा हुआ है, जाने अनजाने हमारी दिनचर्या के पूरे क्रियाकलाप योग से जुड़ते हुए जीवन के अविभाज्य अंग बने हुए हैं। योग केवल शरीर पर ही काम नहीं करता वरन यह मन को शक्तिशाली व तनाव रहित बनाता है।
आचार्य विपिन जोशी ने प्रतिभागियों को सुगम योग का अभ्यास कराया ,उन्होनें कहा कि आज उत्तराखण्ड आरोग्यता का हब बन गया है। देश एवं दुनिया के लोग सुकून के लिये उत्तराखण्ड हिमालय की ओर आ रहे है। उत्तराखण्ड में सभी अनोत्तरित सवालों का जवाब मिल जाता है। जब भी कोई व्यक्ति संकट में होता है तो वह हिमालय की ओर रूख करता है।
पंकज भदौरिया ने कहा कि जो हम खाते है, वह हमारे तन और मन पर वैसा ही प्रभाव डालता है। गीता में भगवान कृष्ण ने भेाजन के तीन प्रकार बताये है। सात्विक, राजसिक व तामसिक भोजन और सात्विक भेाजन ही मनुषय के लिये सर्वोपरि है। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में साधकों को भोजन की उपयोगिता के बारे में बताते हुये उन्होने कहा कि हमें सूर्य के उदय होने व अस्त होने के बीच में ही भेाजन करना चाहिये। क्योंकि सूर्य ऊर्जा का सा्रेत्र है इसलिये सूर्य की उपस्थिति में किया गया भोजन ही शरीर को स्वस्थ एवं ऊर्जावान बना सकता है।
इस अवसर पर गढ़वाल मण्डल विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक, डाॅ0 आशीष चैहान, महाप्रबन्धक पर्यटन जितेन्द्र कुमार, महाप्रबन्धक प्रशासन अवधेष कुमार सिंह, महाप्रबन्धक वित अभिषेक कुमार आनन्द सहित अनेक अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।