देहरादून डेस्क। वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के तत्वावधान में एक प्रगतिशील किसान डाॅ ज्योति मारवाह, दुग्गल विला, मसूरी के यहाँ सुगंधित तेल युक्त पादपों से सुगंधित तेल निकालने का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा0 विनीत कुमार, वैज्ञानिक-जी एवं परियोजना अन्वेषक, रसायन विज्ञान एवं जैव-पूर्वेक्षण प्रभाग, व0अ0सं0 तथा डाॅ ज्योति मारवाह एवं श्री सुशील भट्टाराई द्वार्रा Zingiber officinale (अदरक) से सुगंधित तेल निकालकर उस तेल को अलग करने की विधि के बारे में बताया व सिखाया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि अदरक के सुगंधित तेल को निकालने के पश्चात बचे हुए हाईड्रोसोल तथा बचे हुए अदरक को साबुन, शैंपु, क्रीम, मसाले तथा अन्य उपयोग में लाया जा सकता है जो कि किसानों की आय को दोगुना करने में सहायक साबित होगा। इस प्रशिक्षण के दौरान डा0 विनीत कुमार द्वारा यह भी बताया गया कि यह परियोजना भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रभाग, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित की गई है जिसका ध्येय किसानों को सुगंधित तेल वाले पौधे उगाने के लिए प्रोत्साहित करना तथा इससे सुगंधित तेल निकालकर अपनी आजीविका में बढोतरी करना है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सुगंधित तेल वाले पादपों को चरने वाले पशु भी हानि नहीं पहुँचाते हैं जिससे इन पादपों के रख-रखाव में भी आसानी होती है। इस प्रशिक्षण में किसानों ने अति उत्साह से प्रतिभाग किया एवं तेल निकालने की बारीकियों को समझने का प्रयास किया।
कार्यक्रम में डाॅ ज्योति मारवाह द्वारा अपने व्याख्यान में सभी कृषकों को सुगंधित तेल युक्त पादपों को उगाने हेतू प्रोत्साहित किया गया तथा यह भी बताया गया कि ऐसे कई पादप किसान अपनी कृषि भूमि के अनुपयोगी स्थानों में उगा सकते हैं जैसे कि खेत की मेढ़, साईड वाल इत्यादि। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बंगलों की कांडी, सैंज, कैंपटी तथा आस-पास के गाँवों के कई किसानों ने उत्सुकतापूर्वक प्रतिभाग किया।