डेटॉल बनाएगा स्वस्थ इंडिया की मातृ और शिशु मृत्यु दर के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत और लोकतांत्रिक

देहरादून। उत्तराखंड के अंतिम छोर और देश के कोने कोने तक पहुंचने के उद्देश्य से रीच ईच चाइल्ड (आरईसी) पहल ने ग्रामीण अस्पताल, चुरनी, अमरावती (महाराष्ट्र) में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम वर्चुअल के माध्यम से देहरादून में भी आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि पवनीत कौर (आईएएस), कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, अमरावती और रवि भटनागर, डायरेक्टर, एक्सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप एसओए, रेकिट ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ एनआरसी का उद्घाटन किया।

इस प्रयास के माध्यम से 20 मिलियन लड़कियों के जीवन को बदलने के लिए प्लान इंडिया के लक्ष्यों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।आरईसी कम्युनिटी न्यूट्रिशन वॉरियर, गुलाबी दीदियां, द्वारा समर्थित आरईसी स्थानीय जनजातियों और उपचार के लिये चुनौतियों का सामना करने वालों की मदद कर रही है। सामुदायिक पोषण कार्यकर्ताओं की कहानी के माध्यम से कार्यक्रम विविधता और समावेशन के अपने स्तंभ को मजबूत करते हैं जहां गांवों की ये महिलाएं अपने ही लोगों की जिम्मेदारी लेने के लिए उठी हैं और आरईसी कार्यक्रम के विकास के दौरान अनगिनत जीवन बचाए हैं। इन महिलाओं को पद्मश्री डॉ इंदिरा चक्रवर्ती, पूर्व-आईएमए अध्यक्ष डॉ नरेंद्र सैनी और कई अन्य वैश्विक विशेषज्ञों जैसे पोषण पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है।

इस दौरान रवि भटनागर, डायरेक्टर, एक्सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप एसओए, रेकिट ने कहा, “माँ और बच्चों को स्वस्थ जीवन जीना चाहिए और कोई भी बच्चा कुपोषण के कारण नहीं मरना चाहिए, इस उद्देश्य को सामने रखते हुए, हमारा प्रयास और सहयोग हमेशा सरकार, प्रशासन और समाज के साथ बना रहता है ।

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, इंदिरा चक्रवर्ती, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और पर्यावरणविद् ने कहा- “एक महिला होने के नाते, मैंने समुदाय के स्वास्थ्य के निर्धारकों में सुधार करने का संकल्प लिया है।

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