रानीखेत : नगर के समीपवर्ती खिरखेत क्षेत्र में गुलदार मरा मिला। उसका पेट फटा पड़ा था और लहूलुहान हालत में पड़ा था। अंदेशा है कि आपसी संघर्ष में अत्यधिक रक्तस्राव और गहरी चोट के चलते सात आठ माह का गुलदार जान गवा बैठा। हालांकि जंगली सूअर से जबर्दस्त भिड़ंत की संभावनाओं के बीच उस पर बचाव के लिए किसी धारदार हथियार से प्रहार की चर्चाएं भी हैं। विभागीय टीम ने मुआयना कर गुलदार का शव सुपुर्दगी में ले लिया। वन क्षेत्राधिकारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असल कारणों का खुलासा हो सकेगाआपसी संघर्ष में एक और गुलदार मारा गया। मंगलवार तड़के जालली मासी रोड पर झलोड़ी से कुछ आगे खिरखेत क्षेत्र में सड़क के बीचों बीच गुलदार को लेटा देख ग्रामीण सहम गए। हो हल्ला करने के बावजूद गुलदार के शरीर में कोई हरकत न हुई तो हिम्मत जुटा कर करीब पहुंचे। मगर मौके के हालात देख सन्न रह गए। गुलदार का पेट फटा पड़ा था। सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी हरीश टम्टा मय टीम पहुंचे। उन्होंने अंदेशा जताया कि आपसी संघर्ष में गुलदार की मौत हुई होगी।किसी बड़े गुलदार के नाखूनों अथवा जंगली सूअर के ताबड़तोड़ प्रहार को वह नहीं झेल सका और मौके पर ही दम तोड़ गया। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद गुलदार के शव की विभागीय नियमानुसार अंत्येष्टिï की जाएगी। हालांकि मानव वन्यजीव टकराव के डर से धारदार हथियार से मारे जाने संबंधी कयास को वनक्षेत्राधिकारी ने खारिज करते हुए कहा कि गुलदार के पेट पर नाखून या जंगली सूअर के प्रहार जैसे ही निशान हैं।