देहरादून। भारतीय क्रिकेट टीम को पहला विश्व कप दिलाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने प्रभा खेतान फाउंडेशन एवं श्रीसीमेंट के सयुंक्त रूप से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि मैं राजनीति में शामिल नहीं होना चाहता, क्योंकि मैं राजनीति में जाने के लिए अपना व्यक्तित्व नहीं बदल सकता।
ऑनलाइन कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि मेरी माँ ने मुझे कहा था कि मुझे खेल के अलावा कभी दूसरी तरफ नहीं जाना चाहिए क्योंकि मेरे पास इसके लिए अच्छा अनुभव नहीं है। इसलिए मैंने कभी एक्टिंग की दुनियां में जाने की कोशिश नहीं की। मैंने अभिनय नहीं किया है, लेकिन एक फिल्म को और बेहतर बनाने और इसमें सच्चाई लाने दिखने के लिए सिर्फ कपिल देव की भूमिका को करीब से देखने, समझने और जानने के लिए अपने विचारों को साझा किया है।
अपनी बायोपिक के बारे में बताते हुए कपिल देव ने कहा कि रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण उनकी और उनकी पत्नी रोमी के रोल को चित्रित कर रहे हैं। “यह फिल्म 1983 में भारत की विश्व कप जीत की यात्रा के बारे में है। यह भारतीय क्रिकेट टीम पर है जिसने विश्व कप जीता था। इस फिल्म के जरिये निर्माता उस यात्रा के अच्छे और बुरे दोनों अनुभवों को लोगों के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत के बदलते खेल परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए कपिल देव ने कहा, “क्रिकेट केवल विश्व कप को ध्यान में रखकर खेला जाने वाला खेल नहीं है। तीस साल पहले क्रिकेटर्स शायद ही छोटे शहरों या टियर टू या टियर थ्री शहरों से आते थे। अब 90 फीसदी क्रिकेटर सेमी-मेट्रो शहरों और कस्बों से आते हैं। युवा और नवोदित क्रिकेटरों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में, कपिल देव ने कहा, “नहीं, मुझे लगता है कि रोल मॉडल समय-समय पर बदलते रहते हैं।