देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमांऊ मण्डल में एक-एक एक्सीलेंस सेंटर बनाए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी तकनीकि संस्थानों से पासआउट होने वाले छात्रों को अधिक से अधिक कैम्पस प्लेसमेंट मिले। औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता के अनुरूप तकनीकि संस्थानों में आधुनिक कोर्स और आधुनिक उपकरणों की समुचित व्यवस्था की जाए। तकनीकि संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त वाले युवाओं को कितने प्रतिशत छात्रों को रोजगार मिला और कितने प्रतिशत ने उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लिया इसका स्पष्ट डाटा रखा जाए। तकनीकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद राज्य के युवाओं को प्रदेश में रोजगार की पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराये जाएं, ताकि उन्हें रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े। राज्य में युवाओं के कौशल विकास के लिए प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, वेलिं्डग तथा अन्य मैकेनिकल प्रशिक्षण भी कराये जाएं।
पिछले तीन सालों में पॉलिटेक्निक के माध्यम से 6490, सरकारी क्षेत्र में 369 तथा पॉलिटेक्निक के माध्यम से सामुदायिक विकास योजना के तहत 552 युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मिला। आगामी एक साल में आई.आई.टी रूड़क के सहयोग से विभिन्न राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं में वर्चुअल लैब की स्थापना और प्रशिक्षण दिया जायेगा। उत्तराखंड राज्य करियर काउंसिलिंग सेंटर की स्थापना की जायेगी। पॉलिटेक्निक संस्थाओं को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में विकसित कर बेरोजगार युवाओं को व्यवसाय से जोड़ा जायेगा।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत सिन्हा, कुलपति वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरू, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित शिक्षा एवं तकनीकि शिक्षा के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।