दो दिन में हुए चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ लाख पंजीकरण

देहरादून। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मंगलवार, 03 मई 2022 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ खोले जाएंगे। मां गंगा की उत्सव डोली मंगलवार सुबह सात बजे भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। इसके बाद विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ ठीक सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन को खोल दिए जाएंगे। दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर मां यमुना के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने कहा ‌कि चार धाम के लिए श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बन रहा है। पिछले दो दिनों के भीतर लगभग डेढ़ लाख लोगों द्वारा पंजीकरण किया गया है।

इससे पहले सोमवार को गंगा के मायके मुखबा से मां गंगा की उत्सव डोली विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। आर्मी बैंड की धुन पर सैकड़ों की संख्या में भक्त उत्सव डोली संग धाम के लिए रवाना हुए।

पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने 03 मई को राज्य के चारधामों में से गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही 06 मई को भगवान केदारनाथ जी एवं 08 मई को भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे।

चारधाम यात्रा के लिए देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है, श्रद्धालुओं का अतिथि देवो भवः की परम्परा के अनुरूप राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने कहा ‌कि पिछले दो दिनों के भीतर लगभग डेढ़ लाख लोगों द्वारा पंजीकरण किया गया है। नेटवर्क और सर्वर पर लोड काफी अधिक पड़ रहा है। यद्यपि सिस्टम को इस प्रकार डिजायन किया गया है कि ऑफलाइन होने की दशा में भी पंजीकरण निर्बाध रूप से चलता रहे। साथ ही ऑनलाइन होने पर डाटा स्वतः ‌ही अद्यतित हो जाता है। इस प्रकार पंजीकरण निर्बाध रूप से चल रहा है और लोड के अनुरूप गति पकड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ये डेटा स्थानीय प्रशासन को इस उद्देश्य के साथ प्रेषित किया जा रहा है ताकि यात्रा व्यवस्थति ढंग से संचालन हो सके।

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