धार्मिक पर्यटन सर्किट में शामिल हुआ ब्यावर

ब्यावर। अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता , अस बर दीन जानकी माता। सीधा सरल अर्थ है कि- माता सीता के वरदान से प्रभु हनुमान जी अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता है। उनके पास हर प्रकार की सिद्धि है। अगर हनुमान जी का नाम लेते है तो सभी बाधाएं दूर हो जाती है। इस चौपाई को बोलने से बड़ी से बड़ी मुश्किल हल हो जाती है। कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को ब्यावर में देखने को मिला। जहां पर श्री सीमेंट परिसर में स्थित श्री संकट मोचन हनुमान के वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। एक फरवरी से शुरू हुआ यह आयोजन 4 फरवरी तक चलेगा।

इस अवसर पर श्री सीमेंट के एमेरिटस चेयरमैन श्री बीजी बांगड़ ने कहा कि संकट मोचन हनुमान जी की कृपा हमारे ऊपर शुरु से ही रही है। जबसे हमने प्रांगण में हनुमान जी प्रतिमा स्थापित की है उसके बाद निरंतर प्रगति कर रहे हैं। श्री सीमेंट के चेयरमैन श्री एचएम बांगड़ ने श्री हनुमान जी की कृपा पर विस्तार से चर्चा की। कंपनी के वाइस चेयरमैन श्री प्रशांत बांगड़ ने महोत्सव के आयोजन और उद्देश्यों के बारे में बताया। कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री नीरज अखौरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर श्री सीमेंट के संस्थापक परिवार के सभी सदस्यों के अलावा कंपनी के कर्मचारी एवं गणमान्य अतिथियों के अलावा राजस्थान सहित दूसरे राज्यों से भी भारी संख्या में यहां श्रद्धालु उपस्थित थे।

भक्त शिरोमणि श्याम वर्ण हनुमान जी के इस मंदिर के प्रांगण में कदम रखते ही श्रद्धालुओं को अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की याद आ गई। काले पाषाण से बनी इस मूर्ति को देखने के साथ ही भक्तों की आंखों के सामने रामलाल की प्रतिमा उभर आती है। पिछले चौबीस सालों से यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था व विश्वास का केंद्र है। शनिवार को मंदिर में मंगला आरती, श्रंगार आरती, हनुमानजी का अभिषेक, पूजन, हवन व पूर्णाहुति (गर्भगृह) आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही मंदिर परिसर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। रविवार हनुमान कृपामहोत्सव के आखिरी दिन विभिन्न धार्मिक व सांस्कृति कार्यक्रमों का आयोजन होगा। ख्यातनाम गायक दर्शन रावल द्वारा संगीत संध्या का आयोजन भी यहां होगा।

खास नहीं, आम लोगों का मंदिर

मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना के बाद से ही इस क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ। इतना ही नहीं ब्यावर जो एक कभी कस्बा हुआ करता था आज जिला मुख्यालय बन गया है। चूंकि मंदिर श्रीसीमेंट के प्रांगण में है इसलिए यह प्रतीत होता है कि यहां कुछ खास लोगों को ही प्रवेश मिलता है। लेकिन ऐसा नहीं है यह मंदिर हमेशा से भक्तों के लिए खुला हुआ है और इसकी सार संभाल व देखरेख श्री सीमेंट की ओर से किया जाता है। मंदिर के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि सन 2000 में जब से श्री संकटमोचन हनुमान जी की स्थापना श्री परिसर में हुई है तब से इस संस्थान के साथ ही ब्यावर ने भी उन्नति के नए आयाम स्थापित किए हैं।

श्याम वर्ण हनुमान जी यहां भी विराजे

हाल ही में अयोध्या में श्याम वर्ण प्रभु श्रीराम जी की जहां प्राण प्रतिष्ठा हुई है वहीं प्रभु श्रीराम के भक्त शिरोमणि श्याम वर्ण हनुमान जी श्री सीमेंट परिसर में पहले से ही विराजे हैं। राजस्थान में श्याम वर्ण हनुमान जी का मंदिर जयपुर के जलमहल के सामने गुर्जर घाटी के पास परशुरामद्वारे में जयपुर की स्थापना के समय से है। उसके बाद जयपुर के ही चांदी की टकसाल पर श्याम वर्ण हनुमान जी का मंदिर है। ब्यावर स्थित श्री सीमेंट परिसर में भी श्याम वर्ण हनुमान जी का यह मंदिर अलौकिक है। ऐसा कहा जाता है कि ईश्वर की श्याम वर्ण की प्रतिमाएं संकट को हरने वाली होती हैं।

क्यों खास है श्री सीमेंट हनुमान मंदिर की प्रतिमा
यहां स्थित हनुमान जी प्रतिमा कर्नाटक राज्य के उसी खदान से निकले पत्थर से गढ़ी गई है जिस खदान के पत्थर से अयोध्या में श्री रामलला की प्रतिमा गढ़ी गई है। कहा जाता है कि इस काले पाषाण से बनी मूर्तियां 1000 साल तक अक्षुण रहती है यानि खराब नहीं होती।

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