कैम्ब्रिज ने जून 2025 के परीक्षा परिणाम दुनिया भर के 6,80,000 से ज़्यादा छात्रों को जारी किए। जो पिछले साल से 9% ज्यादा है।
देहरादून। दुनिया जैसे- जैसे तेज़ तकनीकी बदलावों, बढ़ते जलवायु परिवर्तन के असर और भू-राजनीतिक परिस्थितियों का सामना कर रही है, वैसे – वैसे भारत में ज़्यादा से ज़्यादा छात्र और परिवार अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एजुकेशन (कैम्ब्रिज) ने जून 2025 की परीक्षा के नतीजे दुनिया भर के 6,80,000 से ज़्यादा छात्रों को जारी किए हैं। यह पिछले साल से कुल 9% ज़्यादा है। इस बढ़ोतरी से यह साफ पता चलता है कि शिक्षा में वैश्विक तैयारी की ओर लोगों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है।
छात्रों की लगातार संख्या बढ़ने से इस जून में परीक्षा प्रविष्टियाँ दुनिया भर में लगभग 17 लाख तक पहुँच गईं हैं। यह पिछले साल से 7% ज़्यादा है। साथ ही भारत में, जून 2025 की परीक्षा श्रृंखला के लिए कुल प्रविष्टियाँ 5% ज़्यादा बढ़ीं हैं।
आज देशभर के कुल 252 स्कूलों के लगभग 4,680 छात्रों को कैम्ब्रिज आईजीसीएसई और ओ लेवल के परिणाम मिले हैं। जून 2025 की परीक्षा श्रृंखला में 21,600 से ज़्यादा प्रविष्टियाँ हुईं, जो जून 2024 की तुलना में 7% ज़्यादा है। इसमें सबसे लोकप्रिय विषय थे फर्स्ट लैंग्वेज इंग्लिश, फिज़िक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी। इससे छात्रों की गहरी रुचि मुख्य शैक्षणिक विषयों में दिखाई देती है।
कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एएस और ए लेवल के नतीजे 12 अगस्त को भारत के कुल 230 स्कूलों के 5,300 से ज़्यादा छात्रों को जारी किए गए। इन नतीजों से छात्रों के लिए बड़ी यूनिवर्सिटीज़ के दरवाज़े खुलेंगे और भविष्य-केन्द्रित करियर बनेंगे। जून 2025 की परीक्षा श्रृंखला में एएस और ए लेवल के लिए 12,900 से ज़्यादा प्रविष्टियाँ मिली हैं, जो जून 2024 की तुलना में 3% ज़्यादा है। इसके सबसे लोकप्रिय विषय थे मैथ्स, फिज़िक्स, केमिस्ट्री, बिज़नेस और इकोनॉमिक्स।
कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एजुकेशन हर साल भारत में तीन परीक्षा श्रृंखलाएँ आयोजित करता है, जिससे स्कूल अपने छात्रों की ज़रूरत के हिसाब से सही श्रृंखला चुन सकते हैं। मार्च श्रृंखला सबसे बड़ी है। इस साल इसमें 11% ज़्यादा प्रविष्टियाँ मिली। लेकिन जून भी स्कूलों के लिए एक अच्छा खासा विकल्प है।
कैम्ब्रिज कार्यक्रमों की बढ़ती माँग न सिर्फ उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता को साबित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि परिवार और शिक्षक अब किसे ज्यादा अहमियत देते हैं। वह ऐसी शिक्षा चाहते हैं जो वैश्विक स्तर पर काम और पढ़ाई के लिए कौशल सिखाए, बदलावों के साथ ढलना सिखाए, और वास्तविक जीवन की समस्याओं पर गहराई से सोचने की कला में माहिर करे।
कैम्ब्रिज के इंटरनेशनल एजुकेशन के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर रॉड स्मिथ ने बताया कि “आज के इस अनिश्चितता और लगातार बदलते समय में, अंतरराष्ट्रीय शिक्षा जो सही समझ और बेहतर नज़रिया देती है, वह सिर्फ़ एक फ़ायदा नहीं बल्कि एक ज़रूरत है, इस अगस्त कैम्ब्रिज के नतीजे पाने वाले सभी छात्रों को बधाई। हमें गर्व है कि हम ऐसे वैश्विक शिक्षार्थियों के समुदाय का हिस्सा हैं, जो सिर्फ़ यूनिवर्सिटी और करियर के लिए ही नहीं, बल्कि तेज़ी से बदलती दुनिया में बेहतरीन जीवन के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।”
कैम्ब्रिज के साउथ एशिया में इंटरनेशनल एजुकेशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विनय शर्मा ने कहा कि “हम भारत में कैम्ब्रिज के छात्रों की मेहनत और सफलता का जश्न मनाकर बहुत खुश हैं और उनकी उपलब्धियों को तारीफ करते हैं, यह देखकर खुशी होती है कि भारतीय माता-पिता के लिए अब ऐसी शिक्षा मायने रख रही है जो छात्रों को ग्लोबल सिटिज़न बनाती है। हर साल लगातार संख्या का बढ़ना हमारे सख़्त और भविष्य के लिए तैयार पाठ्यक्रम पर भरोसे को मज़बूत करता है, जिससे छात्र भारत के साथ – साथ दुनिया की शीर्ष संस्थाओं के लिए निखर कर आते हैं।”