मुख्यमंत्री धामी ने चंपावत के टनकपुर में आयोजित 10 दिवसीय सरस आजीविका मेला का किया शुभारंभ

चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं उत्तराखंड राज्य विकास ग्रामीण आजीविका मिशन ग्राम्य विकास विभाग उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में टनकपुर में आयोजित सरस मेला 2023 का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। शुभारंभ कार्यक्रम में नन्दा कॉवेन्ट स्कूल टनकपुर के बच्चों ने स्वागत गीत से श्री धामी का स्वागत किया। उसके बाद राजकीय बालिका इंटर कालेज, टनकपुर के बच्चों ने शानदार प्रस्तुति दी।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने सरस आजीविका मेले में भारी संख्या में आय लोगों का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि सरस आजीविका मेला अपने-आप में विशिष्ट है, क्योंकि इसका स्वरूप जहां एक ओर मेले जैसा है, वहीं यह व्यापारिक और स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य कर रहे युवाओं और महिलाओं को अपने कार्य का प्रदर्शन करने का एक मंच भी प्रदान करता है।  प्रदेश का संपूर्ण विकास केवल तभी संभव है, जब  प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपने-अपने दायित्वों का भली भांति निर्वहन करें। उन्होंने कहा की प्रदेश तभी आगे बढ़ सकता है जब लोग आगे बढ़े इसलिए इस बार गैरसैंण में प्रस्तुत सामान्य बजट को हर वर्ग के उत्थान के लिए रखा है, चाहे किसान हो, बागवानी करने वाला हो, स्वयं सहायता समूह के रूप में कार्य करने वाली महिलाएं हो, चाहे किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति हो। इस प्रकार के आजीविका मेलों के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है वहीं  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए “आत्मनिर्भर भारत“  मंत्र को भी मजबूती मिलती है। मेले के संचालन से जहां ग्रामीण उत्पादों के विपणन हेतु बाजार उपलब्ध होगा, वहीं देश-विदेश तक इन ग्रामीण उत्पादों के प्रचार प्रसार में सहायता भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि मेले हमारी एकता एवं संस्कृति को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही व्यापारियों, कलाकारों, कारीगरों आदि को परस्पर अनुभवों के आदान-प्रदान में भी सहायता मिलती है। एक और जहां सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा विभिन्न विभागों की जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर समूहों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास एवं आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर अधिक से अधिक महिलाओं को अवसर प्रदान कर विकासात्मक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी हेतु उन्हें प्रेरित व प्रोत्साहित भी किया जा रहा है, जिसके चलते विभिन्न विकासात्मक कार्यक्रमों में आज महिलाओं की सहभागिता भी बढ़ रही है। 

उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि सरस मेले में भी महिला समूहों द्वारा विभिन्न स्टालों का संचालन व गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का विपणन आर्थिक सशक्तता की ओर महिलाओं की रुचि को भी प्रदर्शित करता है। यहां उपस्थित महिला संगठनों की सक्रिय भागीदारी, स्थानीय उत्पादों से सजे उत्तराखण्ड राज्य के लगभग 100 से अधिक महिला समूहों के स्टालों का प्रदर्शन तथा महिलाओं का विपणन कौशल इस बात का संकेत है कि महिलाओं को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़ने हेतु सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। इस ओर और अधिक कार्य किये जाने की आवश्यकता है, जिससे भविष्य में प्रत्येक क्षेत्र में महिलायें स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बन सकें। सरकार द्वारा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की व्यावसायिक गतिविधियों को गति देने, उनकी आर्थिक सशक्तता बढ़ाने व उन्हें स्थायित्व प्रदान करने के लिए उत्तराखण्ड राज्य के सभी 13 जनपदों के 95 विकासखण्डों में “ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना“ की शुरुआत की गयी है। इससे निश्चित ही स्वयं सहायता समूहों से जुड़े सदस्यों में व्यवसाय संचालन एवं विपणन कौशल के साथ साथ  स्वावलंबन की भावना भी विकसित होगी और गरीब परिवार की आय में वृद्धि होगी। हमारे राज्य में 4 लाख 22 हजार परिवारों को संगठित कर 56 हजार 3 सौ 62 समूह तथा 5 हजार 7 सौ 18 ग्राम संगठन तैयार किये गये हैं। इन संगठनों को व्यवसायिक गतिविधियों से निरंतर जोड़े रखने के लिए 350 पंजीकृत सहकारिताओं का गठन किया गया है। जिनमें से आज यहां पर उत्तराखण्ड राज्य के सौ से अधिक तथा अन्य राज्यों के पैंतीस से अधिक स्वयं सहायता समूहों के हैंण्डी क्राफ्ट, हैण्डलूम, जैविक उत्पाद एवं स्थानीय व्यंजन आदि के स्टॉल प्रदर्शित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। राज्य के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। ये प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही कमाल है कि आज वैश्विक पटल पर हमारा देश विश्व को एक नई दिशा दिखाने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री जी का हमारी देवभूमि के प्रति विशेष लगाव रहा है और प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व से आज उत्तराखंड राज्य को जी-20 की तीन बैठके आयोजित करने का मौका मिला है, जिसकी प्रथम बैठक 28, 29 और 30 मार्च को रामनगर में होनी है।  प्रधानमंत्री के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को मिलेट वर्ष की संज्ञा दी है और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि मिलेट मतलब मोटा अनाज जैसे मंडवा, झंगोरा जैसे आदि अनाजों की पारंपरिक खेती हमारे प्रदेश में होती है, इसे हम मिलेट अनाज ही नहीं पौष्टिक अनाज भी कह सकते है और मोटे अनाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हम प्रयासरत हैं।  हमारी सरकार हर क्षेत्र में लगातार अपने कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पलायन जैसी वृहद समस्या के निराकरण के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। युवाओं और महिलाओं को यदि रोजगार के सही अवसर अपने प्रदेश में ही मिलने लग जाएं तो वे अपनी जन्म भूमि को छोड़कर प्रदूषण से भरे हुए अन्य नगरों की ओर पलायन कभी नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री जी ने जो हाल में जो “वोकल फॉर लोकल“ का नारा दिया है, उसे धरातल पर उतारने हेतु हमारी सरकार प्रतिबद्ध है और इस मेले में प्रदर्शित उत्पाद इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से इकोनॉमी विद इकोलॉजी की बात करता हूँ, इसके अंतर्गत हम प्रदेश के समुचित विकास के साथ ही यहां के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। आपका यही सहयोग हमें दिन-रात मेहनत कर उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने की प्रेरणा देता है। मेरा मानना है कि एक समृद्धशाली उत्तराखंड के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर निरंतर होते रहें।

मुख्यमंत्री ने लोकल उत्पादों को बढ़ावा/बाजार देने के लिए 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन अंतर्गत चंपावत नगर में हिमाद्री इंपोरियम केंद्र का जल्द निर्माण किए जाने, लोहाघाट में रामलीला मंदिर के समीप एक सांस्कृतिक मंच का निर्माण किए जाने, सरस मेले में विभिन्न संसाधनों हेतु विधायक निधि से 20 लाख रुपए देने की घोषणा की।

जनपद प्रभारी मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आजीविका को मूल बिंदु रखते हुए आज इस मेले का आगाज हुआ है जिसकी सभी को बहुत बहुत बधाई। मेला सामाजिक एकता के प्रतीक ध्वजवाहक होते हैं। उन्होंने कहा कि यह मेला रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाएगा।

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