देहरादून। इंडियन ऑयल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, ओएनजीसी और गेल सहित भारत के शीर्ष तेल और गैस सार्वजनिक उपक्रमों ने आध्यात्मिक स्मार्ट हिल टाउन के रूप में उत्तराखंड में श्री बद्रीनाथ धाम के निर्माण और पुनर्विकास के लिए श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ हुए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत सोमवार को पर्यटन विभाग में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने 980.21 लाख रुपये की पहली किस्त श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट को सौंपी।
समझौता ज्ञापन के तहत प्रथम चरण में श्री बदरीनाथ धाम में विकासात्मक गतिविधियां शामिल होंगी। जैसे, नदी तटबंध का काम, सभी इलाक़ों के वाहनों का रास्ता बनाना, पुलों का निर्माण, मौजूदा पुलों का सौंदर्यीकरण, आवास के साथ गुरुकुल सुविधाओं की स्थापना, शौचालय बनाना और पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीटलाइट्स, भित्ति चित्र आदि का निर्माण किया जाएगा।
एमओयू में श्री बदरीनाथ धाम में नदी तटबंध कार्य के लिए आईओसीएल की ओर से 24.51 करोड़ रुपये की वित्त सहायता देने की सहमति प्रदान की है।
सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को चारधाम में से एक करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केन्द्र श्री बदरीनाथ धाम जल्द ही नए स्मार्ट आध्यात्मिक टाउन के रूप में देखने को मिलेगा। यह पहल अधिक पर्यटकों को आकर्षित करके पर्यटन को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को मूर्तरूप देने के लिए राज्य सरकार की ओर से बदरीनाथ धाम में 277.00 करोड़ रुपये के अवस्थापना विकास संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों के पूर्ण होते ही श्री बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं को विभिन्न प्रकार की यात्री सुविधाएं मिल पाएंगी। मास्टर प्लान के तहत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन व स्थानीय हित धारकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
इस दौरान आईओसीएल के मुख्य महाप्रबंधक (कॉर्पोरेट व वित्त) रूचिर अग्रवाल, महाप्रबंधक (एचआर) अशोक कुमार तिवारी, महाप्रबंधक (रिटेल) प्रभात वर्मा, महाप्रबंधक (एचआर-सीएसआर) आर. एन दुबे, वरिष्ठ महाप्रबंधक (सीएसआर) भानु प्रकाश सेमवाल, मुख्य प्रबंधक (एचआर-सीएसआर) दीपक शर्मा, यूटीडीबी के विशेष कार्याधिकारी सतीश बहुगुणा समेत केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के अधिकारी मौजूद रहे।