देहरादून/चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण चल रहा है और चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ चुका है। अंतिम चरण में चंडीगढ़ सहित कई लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के संजय टंडन उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी ताल ठोंक रहे हैं। संजय टंडन जहां अपनी चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी दे रहे हैं वहीं मनीष तिवारी कांग्रेस द्वारा न्याय की गारंटी की बात कर रहे हैं।
लेकिन दिलचस्प बात यह है कि चंडीगढ़ की जनता के बीच स्थानीय और बाहरी होने की चर्चा भी जोरो पर चल रही है। दरअसल मनीष तिवारी इससे पहले लुधियाना और आनंदपुर साहिब से चुनाव लड़ चुके हैं वहीं अब वे चंडीगढ़ से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में चंडीगढ़ की जनता के बीच यह चर्चा आम हो चुकी है कि शायद अगली बार उनका ठिकाना कहीं और हो वहीं संजय टंडन स्थानीय होने के साथ—साथ चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और यहां जनता के बीच अच्छा तालमेल बना हुआ है। सेक्टर 33 में चाय की दुकान पर चर्चा के दौरान लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को मिला है। ऐसे में लोगों का वोट भारतीय जनता पार्टी को ही मिलेगा। वहीं कांग्रेस के सवाल पर जनता का कहना है कि कांग्रेस का जो गठबंधन है वह मजबूत नहीं दिखाई पड़ रहा है और कांग्रेस के शासनकाल में वो काम नहीं हो पाया जो पिछले दस सालों में मोदी सरकार ने किया है।
आशय साफ है कि यहां की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और स्थानीय होने के नाते संजय टंडन की ओर साफ तौर पर झुकाव देखा जा रहा है। रोचक तथ्य यह है कि कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी बार—बार बहस की बात करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं वहीं भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन की ओर से बहस को नकार दिया गया है। संजय टंडन के समर्थकों का तर्क है कि बहस तो तब की जाए जब चंडीगढ़ की समस्याओं को जानने वाला कोई हो। एक व्यक्ति जो कभी लुधियाना के लोगों को नकार दिया, बाद में आनंदपुर साहिब की जनता को नकार दिया तो आज चंडीगढ़ में उस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है। बहरहाल संजय टंडन के चुनावी सभाओं में लोगों की भीड़ साफ तौर पर संदेश दे रही है कि चंडीगढ़ की जनता के बीच मोदी के संजय कांग्रेस के मनीष पर भारी पड़ रहे हैं।