आईटीबीपी प्रशिक्षण अकादमी, मसूरी में बैंकिग सेवा उत्पदानों तथा साइबर फ्रॉड विषय पर कार्यक्रम का किया आयोजन

मूसरी। भारतीय स्टेट बैंक प्रशासनिक कार्यालय देहरादून, क्षेत्र-2 उत्तराखण्ड के तत्वाधान में आईटीबीपी प्रशिक्षण अकादमी, मसूरी में बैंकिग सेवा उत्पदानों तथा साइबर फ्रॉड विषय पर लक्ष्य सोसाईटी देहरादून द्वारा एक वृृहद् कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उददेश्य देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात जवानों को वित्तीय सेवाओं के साथ-साथ वर्तमान में बढ़ रहें सोशल मिडिया, ऑनलाईन लेनदेन धोखाधडी के विषय में जागरूक एवं सजग करना था। कार्यशाला का आयोजन भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्र-2 के सान्धिय में किया गया। कार्यक्रम में बैंकिग सेवा उत्पादनों की जानकारी शैलजा नेगी, सहायक महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्र-2 के नेतृृत्व में एसबीआई मसूरी शाखा के प्रंबंक दीपक लिगंवाल एवं उनकी टीम द्वारा प्रदान की गयी।

नरेन्द्र पतं, सी0ओ0 मसूरी, उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा उपस्थित अधिकारियों, अधिनस्थ अधिकारियों तथा कर्मचारियों को ऑनलाईन फ्रॉड के विषय में व्यवहारिक जानकारी प्रदान की गयी। उनके द्वारा बताया गया कि किस तरह से सोशल मीडिया तथा ऑनलाईन बैंकिग में लापरवाही के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ता है, साथ ही श्री पतं द्वारा कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्रशिक्षार्थियों से साझा की गयी।

कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि शैलजा नेगी, एजीएम भारतीय स्टेट बैंक द्वारा आईटीबीपी के उपस्थित प्रतिभागियों को उनकी देश सेवा के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा की देश की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा में तैनात सेनाओं को वित्तीय सेवाऐं प्रदान करने एवं उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु भारतीय स्टेट बैंक कटिबद्व है। इस अवसर पर उनके द्वारा उपस्थित अधिकारियों द्वारा ऑनलाईन बैंकिग धोखाधड़ी आदि के विषय पर किये गये प्रश्नों के उत्तर दिये गये। श्रीमती नेगी ने बैंकिग सेवाओं हेतु ऑनलाईन लेनदेन हेतु एसबीआई योनो को सबसे सुरक्षित बताया। उनकी टीम के मसूरी शाखा से आये बैंक अधिकारियों द्वारा निवेश हेतु भारतीय स्टेट बैंक की विभिन्न निवेश स्कीमों के विशय में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा0 डोभाल, महानिदेशक यू-कॉस्ट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की वित्तीय सेवाओं के देश में विशाल नेटवर्क की प्रशंसा करते हुए कहा की बैंकिग सेवाऐं अब अपने नये आयाम एवं अवतार में है तो ऐसे में देश के सबसे बड़े बैंकिग समूह होने के नाते एसबीआई यह नैतिक एवं आधिकारिक जिम्मेदारी है कि वह वित्तीय जोखिमों को कम करने के लिए नागरिकों को ई-साक्षर करने में अपना योगदान प्रदान करे। डा0 डोभाल द्वारा कहा गया की भविष्य में उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी परिषद भी लक्ष्य सोसाईटी के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड जैसे संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण विषय पर विद्यार्थियों हेतु कार्यक्रम का अयोजन करेगी।

कार्याशाला के अतं में शोभन सिंह राणा, कमांडेट, आईटीबीपी, अकादमी मसूरी द्वारा भारतीय स्टेट बैंक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, देश में बैंकिग सेवाओं के लिए भारतीय स्टेट पर पूर्ण विश्वास किया जा सकता है।

इस असवर पर डा0 डीपी उनियाल, संयुक्त निदेशक, यू-कॉस्ट, जितेन्द्र वैज्ञानिक अधिकारी, डा0 प्रशांत सिंह, प्रो0 डीएवी कॉलेज, किशन सिंह असवाल समीक्षा अधिकारी उत्तराखण्ड शासन, गौरव सुयाल लक्ष्य सोइसाईटी व सुनिल सिंह सहित आईटीबीपी के जवान उपस्थित रहे।

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