देहरादून। भारत के प्राकृतिक आवासों और स्थानीय प्रजातियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए समर्पित गैरलाभकारी संगठन, द हैबिटैट्स ट्रस्ट 14 जून को शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच देहरादून के कैफे लाटा में अपनी ग्रांट्स सिंपोज़ियम का आयोजन कर रहा है। जयपुर और चेन्नई में आयोजित की गई अपनी सफल सिंपोज़ियम में द हैबिटैट्स ट्रस्ट संरक्षणवादियों की शंकाओं का समाधान किया और उन्हें अपने प्रस्तावों में सुधार करने में मदद की। अपनी जैव विविधता के लिए मशहूर, देहरादून में भी वो इसी गति के साथ अपना अभियान जारी रखना चाहते हैं। यह शहर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिमालय श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे पूरे विश्व के वैज्ञानिक समुदाय द्वारा अत्यधिक महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में मान्यता प्राप्त है।
इस साल सिंपोज़ियम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर संरक्षण के लिए कार्य कर रहे लोगों व संगठनों को ग्रांट प्राप्त करने के लिए प्रभावशाली और समयबद्ध संरक्षण परियोजना प्रस्तावों को डिज़ाइन और विकसित करना सिखाना था। भारत की समृद्ध जैव विविधता के बावजूद, जो दुनिया में सभी दर्ज प्रजातियों का 7% – 8% है और विश्व स्तर पर पहचाने गए 34 में से 4 जैव विविधता हॉटस्पॉट (हिमालय, पश्चिमी घाट, उत्तर-पूर्व और निकोबार द्वीप समूह) से समाहित है, मनुष्यों की तत्कालिक जरूरतों के कारण संरक्षण अक्सर पीछे छूट जाता है, जिसके कारण जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहे संरक्षणवादियों तक सहयोग नहीं पहुँच पाता है। द हैबिटैट्स ट्रस्ट का उद्देश्य इस कमी को दूर करना, और संरक्षणवादियों को संस्थागत सहयोग प्रदान करके भारत में संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों के बीच नेटवर्किंग का विकास करना है।
ऋषिकेश चव्हाण, हेड, द हैबिटैट्स ट्रस्ट ने कहा, “अपने हरे-भरे साल के जंगलों और विशाल देवदार के पेड़ों के साथ, उत्तराखंड, हिमालय के बीच बसा जैव विविधता का खजाना है। यह क्षेत्र विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों का भी घर है, और अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में समग्र दृष्टिकोणहीन विकास इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती रहा है। यह सिंपोज़ियम स्थानीय संगठनों के लिए क्षेत्रीय संरक्षण मुद्दों की पहचान करने और उन्हें संबोधित करने, उन्हें प्रभावी प्रस्ताव लिखने और फंडिंग के लिए कौशल से लैस करने के लिए आवश्यक है।
द हैबिटैट्स ट्रस्ट का आवेदन पोर्टल (https://www.thehabitatstrust.org) वार्षिक द हैबिटैट्स ट्रस्ट ग्रांट्स के लिए 1 जुलाई तक खुला रहेगा। 2.75 करोड़ रुपये की इन ग्रांट्स का उद्देश्य भारत में लुप्त होते वन्य जीवन और प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के लिए समर्पित इन समग्र, इनोवेटिव और बार-बार चलाई जाने की क्षमता वाली इन परियोजनाओं को सहयोग प्रदान करना है।