विंक स्टूडियो ने के. के. मेनन अभिनीत फिल्म “लव ऑल” के म्यूजिक डिस्ट्रिब्यूशन राइट्स हासिल किया

देहरादून। डाउनलोड और डेली एक्टिव यूजर्स के मामले में भारत के नंबर 1 म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप विंक म्यूजिक ने आज घोषणा की कि भारत के सबसे बड़े म्यूजिक डिस्ट्रिब्यूशन इकोसिस्टम विंक स्टूडियो ने के. के. मेनन अभिनीत फिल्म “लव ऑल” के डिस्ट्रिब्यूशन राइट्स हासिल कर लिए हैं।

“लव ऑल” फिल्म बैडमिंटन सुपरस्टार पी. गोपीचंद के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म का निर्माण आनंद पंडित के साथ महेश भट्ट और पी. गोपीचंद ने किया है। यह फिल्म 01 सितंबर को एम. रमेश के लक्ष्मी गणपति फिल्म स्टूडियोज द्वारा रिलीज हुई । सुधांशु शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में स्वस्तिका मुखर्जी, रॉबिन दास, श्रीश्वरा, अतुल श्रीवास्तव और राजा बुंदेला भी हैं। फिल्म में ये पांच कर्णप्रिय गाने हैं, जो विंक पर पहले से ही उपलब्ध हैं, बातों बातों में, गायक-जुबिन नौटियाल, गीली सी सुबह, गायक-पपोन, चल उठ झटपट, गायक-सोनू निगम, लव ऑल बोल दे, गायक-के. के. मेनन और साहस दो साहस, गायिका अंजलि गायकवाड़ ने अपनी अवाज दी है।

इस मौके पर एयरटेल डिजिटल के सीईओ और एयरटेल के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर आदर्श नायर ने कहा, ”विंक स्टूडियो की स्थापना स्वतंत्र कलाकारों को एक क्रिएटिव आउटलेट की पेशकश करने की दृष्टि से की गई थी, जो उन्हें किसी भी मॉनिटाइजेशन और खोज संबंधी मुद्दों में भी मदद करेगा, जिनका कि उन्हें सामना करना पड़ता है। हमें स्वतंत्र कलाकारों के साथ बड़ी सफलता मिली है और वर्तमान में हमारे रोस्टर में 1000 कलाकार हैं। यह डिस्ट्रिब्यूशन पार्टनरशिप उन प्रोड्यूसर्स के लिए नए रास्ते खोलेगी, जो डिजिटल डिस्ट्रिब्यूशन की तलाश कर रहे हैं और एयरटेल की पहुंच और कनेक्टिविटी की अंतर्निहित ताकत का फायदा उठाना चाहते हैं।”

विंक स्टूडियो अपनी स्थापना के बाद से लगातार मजबूत होता गया है। इसने हाल ही में कई स्वतंत्र एकल गाने वितरित किए हैं, जैसे कि मंज म्यूजिक और अनुषा दांडेकर का “लव टोकन”, विशाल ददलानी का “बिल्लो” और निकिता गांधी का “प्यार में पागल” गाना, जो एक ही समय में रोमांटिक भी है और ग्रूवी नंबर भी है तथा प्यार में पागल एक लड़की के बारे में है।

विंक 15 भारतीय भाषाओं में म्यूजिक प्रदान करता है और अब ऐप पर कुल स्ट्रीम में क्षेत्रीय गीतों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। उड़िया, गुजराती, असमिया, मराठी, तेलुगु और भोजपुरी भाषा के गानों में 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है और वे अपने गृह राज्यों के बाहर भी लोकप्रिय हैं।

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