उत्तराखंड में सोनिया गांधी करें हस्तक्षेप, शीर्ष नेताओं की लड़ाई से गिर रहा कार्यकर्ताओं का मनोबल : कांग्रेस जिलाध्यक्ष

बागेश्वर : विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेता जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, उससे आम कार्यकर्ता आहत है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मामले में सोनिया गांधी से पहल करने और आरोप-प्रत्यारोप करने वालों पर लगाम लगाने की मांग की है।उनका कहना है कि चुनाव को एक खेल की तरह लेना चाहिए। हार जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं। जिस तरह की बयानबाजी हो रही है, उससे पार्टी को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है।कांग्रेस के शीर्ष नेता हरीश रावत व रंजीत रावत सरीखे नेता विधानसभा में मिली हार के बाद जिस तरह की बयानबाजी एक दूसरे के लिए कर रहे हैं। उससे कार्यकर्ता मायूस हैं।बागेश्वर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील भंडारी का कहना है कि चुनाव में मिली हार के बाद शीर्ष नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वह किसी के लिए भी ठीक नहीं है।कार्यकर्ता पिछले कई महीनों से वोट के लिए मेहनत करता आया। वह समय पर न तो सो पाया और न खा पाया। कार्यकर्ताओं की मेहनत से कांग्रेस के कई विधायक जीतकर आगे आए हैं। पिछले विधानसभा से इस बार उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। अभी सरकार का गठन तक नहीं हुआ है।कांग्रेस के सबसे सीनियर नेताओं की इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है। इससे आम कार्यकर्ता निराश है। उन्होंने मामले में पार्टी की सीनियर नेता सोनिया गांधी से हस्तक्षेप करने तथा इस तरह की बयानबाजी पर लगाम लगाने की मांग की है। यदि इस पर जल्द लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी गिर जाएगा।गौरतलब है कि प्रदेश में चुनाव की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस में उथल पुथल चल रहा है। पहले सीएम चेहरे को लेकर गुटबाजी व बवाल हुआ। उसके बाद सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा, नेताओं ने बगावत की। पार्टी चुनाव में हार के बाद अब शीर्ष नेताओं टिकट बेचने व हार का ठीकरा फोड़ने को लेकर लड़ाई जारी है। इसी पर जिलाध्यक्ष ने अपना दुख जाहिर किया है।

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