बसुलीसेरा। बीते साल से फैले कोरोना वायरस के बाद से स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता दोगुनी हो गई है। लेकिन प्रदेश के कई गांव आज भी ऐसे हैं जहां स्वास्थ्य सुविधा न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं प्राथमिक उपचार के लिए भी ग्रामीणों को घंटों का सफर तय कर शहर की दौड़ लगानी पड़ती है। जबकि कुछ गांवों में अस्पताल तो हैं लेकिन चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी न होने से उन गांवों के स्वास्थ्य केंद्र शोपीस बने हुए हैं। ऐसा ही हाल अल्मोड़ा जिले के ब्लॉक द्वाराहाट के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेबल-1 का है।
साल 2015 में शासन की ओर से इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील करने की स्वीकृति दी गई थी। जिसके बाद से स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की तैनाती न होने से लोगों को परेशानी हो रही है। इस संबंध में डोटल गांव सेवा समिति की ओर से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखा गया है। समिति के अध्यक्ष सुन्दर सिंह शाही ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के इस संकट भरे समय में यह समस्या दोगुनी हो गई है। बताया कि इस अस्पताल पर सोमेश्वर विधानसभा के करीब 20 गांव और द्वाराहाट विधानसभा के करीब 30 गांव के ग्रामीण निर्भर हैं। जिनकी आबादी करीब 35 हजार है। अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती के संबंध में समिति की ओर से पहले भी मांग की जा चुकी है लेकिन ग्रामीणों की मांगों को अनदेखा करने का काम किया जा रहा है। समिति ने सीएम रावत से मांग करते हुए कहा कि इस संबंध में जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए अस्पताल में चिकित्सकों के पद सृजत कर स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की जाए। जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य केंद्र का लाभ मिल सके।
पूर्व ग्रामप्रधान मदनमोहन कुमैया, पूरन सिंह शाही व बिशन सिंह नेगी ने पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट से मुलाकात कर बसुलीसेरा अस्पताल के बारे में अवगत कराया गया। पूर्व प्रधान ने बताया कि बासुलीसेरा से डोटलगांव को जोड़नेवाली सड़क को लगभग 6 साल हो गये हैं और यहां पर अभी तक पुल का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है जिस कारण से गांव का संपूर्क टूट गया है। उन्होंने पूर्व विधायक से आग्रह किया कि वे उनकी बात को आगे उत्तराखण्ड सरकार तक पहुंचाते हुए पुल का निमार्ण कार्य करवायें। साथ ही उन्होंने बसुलीसेरा के अस्पताल में उचित व्यवस्थाओं के लिए भी पूर्व विधायक को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यहां सुविधााऐं न होने के कारण मरीज द्वाराहाट, ंिबंता या फिर रानीखेत जाने के लिए बेबश हैं।
बसुलीसेरा अस्पताल में चिकित्सकों की भर्ती के लिए ग्रामवासियों ने पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी समस्या उत्तराखण्ड सरकार तक पहुंचायी है। जिसमें हस्ताक्षर करने वालों में ग्रामप्रधान नीमा देवी, पूर्व ग्राम प्रधान मदनमोहन कुमैया, ग्राम प्रधान महतगांव अनीता देवी, ग्राम प्रधान पनेरगांव, दीपा देवी, भगवती देवी, जानकी देवी सहित अन्य गांव के ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायतें शामिल हैं।