देहरादून । बिलबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल (बीएचआईएस) के छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया। इस दौरान, सीनियर किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 4 तक के विद्यार्थियों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया।
जबकि बीएचआईएस सांताक्रूज परिसर के छात्रों ने अपनी वर्चुअल सभाओं में डॉक्टरों के बारे में बात की और इस महामारी में कई लोगों की जान बचाने के लिए उनके त्याग व समर्पण के बारे में बात की, बीएचआईएस मलाड में टिनी टॉडलर्स ने बाल रोग चिकित्सक के क्लिनिक का वर्चुअल दौरा भी किया इस दौरान उन्हें डॉक्टरों से बातचीत करने का मौका मिला। डॉक्टरों की निस्वार्थ सेवा के लिए आभार व्यक्त करते हुए बीएचआईएस के 208 छात्रों ने आज राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया। उनके वर्चुअल स्कूल की शुरुआत एक सभा से हुई जिसमें प्रत्येक बच्चे ने भाग लिया और डॉक्टरों और इस दिन के महत्व के बारे में कुछ पंक्तियाँ बताईं। सांताक्रूज परिसर के छात्रों ने डॉक्टर के काम, राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के महत्व पर पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन भी तैयार किए और इस महामारी में उनकी भूमिका पर चर्चा की। दूसरी ओर, सीनियर किंडरगार्टन मलाड परिसर के बच्चों ने एक बाल रोग विशेषज्ञ के साथ लाइव चैटिंग का मजा लिया, जिन्होंने उन्हें डॉक्टरों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले चिकित्सकीय उपकरण दिखाए और अपने पेशे को लेकर विभिन्न बातों पर चर्चा की।
इस अवसर पर निखत आजम, प्रिंसिपल, बीएचआईएस, सांताक्रूज ने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से, डॉक्टरों ने जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महामारी के दौरान उनका निस्वार्थ योगदान निर्विवाद रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने जीवन और अपने परिवारों के जीवन को जोखिम में डाल कर अपनी कर्तव्यनिष्ठा का अभूतपूर्व परिचय दिया है। हम डॉक्टर बिरादरी के त्याग एवं योगदान को सलाम करते हैं। शिक्षकों के रूप में, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों को डॉक्टरों की भूमिका के प्रति संवेदनशील बनाएं और उनमें उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना पैदा करें। इन पहलों के माध्यम से, हमारे छात्र न केवल डॉक्टर के प्रयासों और महत्व पर चर्चा की बल्कि महामारी के दौरान किए गए अविश्वसनीय काम के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। छात्रों ने इस दिन और पेशे के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए अपने सहपाठियों के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की।’