‘राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के तहत कुंभ आयोजन को तंबाकू मुक्त बनाये जाने हेतु मीडिया की भूमिका’ विषय पर वार्ता का आयोजन

देहरादून डेस्क। बालाजी सेवा संस्थान की ओर से ‘राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के तहत कुंभ आयोजन को तंबाकू मुक्त बनाये जाने हेतु मीडिया की भूमिका’ विषय पर आयोजित वार्ता में बताया गया कि राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के तत्वावधान में संचालित राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन राज्य के समस्त जनपदों में किया जा रहा है। देहरादून स्थित बालाजी सेवा संस्थान विगत सात वर्षो से तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में राज्य सरकार की सहयोगी संस्था के रूप में जमीनी स्तर पर जन जागरूकता का प्रचार कर रही है। प्रदेश सरकार के कुंभ आयोजन को तंबाकू मुक्त आयोजित किए जाने के संकल्प की सफलता और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मीडिया की भूमिका बेहद अहम् है। कार्यक्रम के दौरान रिएक्ट उत्तराखंड टोबेको फ्री कोलेसन इन्टीलेक्चुयल टेक्नोक्रेट्स ग्यूल्ड आॅफ इंडिया एवं अभिव्यक्ति सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में ‘तंबाकू कंपनियों द्वारा शुल्क और कर के नियमों का उल्लंघन एवं तम्बाकू उत्पादों की तस्करी’ नामक फैक्टशीट को भी रिलीज किया गया। इस अवसर पर सभी वक्ताओं द्वारा तंबाकू की इस्तेमाल पर रोक लगाने के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में मिलकर कार्य करने की अपील की गई।

वार्ता के दौरान विषय विशेषज्ञों ने बताय कि तंबाकू का सेवन भारत में मृत्यु और बीमारी का प्रमुख कारण है। हमारे देश में हर साल 13 लाख से अधिक वयस्कों की मौत तंबाकू से हाने वाली बीमारियों के कारण हो जाती है। विश्व स्वस्थ्य संगठन के अनुसार भारत तम्बाकू के सेवन में दूसरा बड़ा उत्पादक तथा तीसरा बड़ा उपभोक्ता है। एक सर्वे के अनुसार 47से 65 फीसदी भारतीय पुरुष एवं 14 से 33 फीसदी महिलायें तम्बाकू का सेवन करती हैं। धूम्रपान एवं तम्बाकू के सेवन से कैंसर, स्ट्रोक, ह्रदयरोग, फेफड़े के कैंसर के मामले सर्वाधिक है। 90 फीसदी मुंह के कैंसर के मामले तम्बाकू का प्रयोग करने से होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार केवल उत्तराखंड में ही 26.5 फीसदी आबादी तम्बाकू का सेवन करती है। इस बेहद गंभीर विषय पर सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तम्बाकू के दुष्प्रभावों के प्रति आम जानमानस को जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है। इस मुहिम की सफलता के लिए मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भारत में तंबाकू उत्पादों के व्यवसाय के खिलाफ लचर नीतियों के चलते इसकी बिक्री और अवैध व्यापार बेहिसाब तरीके से संचालित हो रहा है। इस विषय को उजागर किये जाने की भी जरूरत है। 24 फरवरी को कंेद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस के रूप में मनाया जाता है। ‘तंबाकू निर्माण करने वाली कंपनियों द्वारा उत्पाद शुल्क और कर का उल्लंघन एवं तम्बाकू उत्पादों की तस्करी’ पर फैक्टशीट में इस प्रकार के उल्लंघनों के कारण अर्थव्यवस्था के गंभीर नुकसान के बारे में आमजन को जागरूक करना इस दिशा में एक प्रयास है। रिएक्ट तंबाकू नियंत्रण की मुहिम में कार्यरत स्वतंत्र शोधकर्ताओं का एक नेटवर्क है। रिएक्ट ने सरकारी श्रोतों जिनमें भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, राजस्व आसूचना निदेशालय (क्त्प्), कंेद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो और संसद की रिपोर्ट की समीक्षा की, जिसमें पाया गया कि प्रख्यात सिगरेट और पान मसाला कंपनियां कर चोरी करती हैं। राजस्व विभाग को फर्जी रिपोर्ट भेजकर ये कर की चोरी करती हैं। रिएक्ट की रिपोर्ट में अवैध तंबाकू के व्यापार को मादक पदार्थों, जाली नोटों और हथियारों की तस्करी जैसे आपराधिक नेटवर्क से भी जुड़ा पाया गया है। ये गतिविधियां जनता के स्वास्थ्य के लिए तो खतरा पैदा कर ही रही हैं साथ ही राष्ट्रीय की सुरक्षा के लिए भी गैरजिम्मेदार हैं। मीडिया द्वारा ऐसे विषयों को उजागर करना देश हित के लिए महत्वपूर्ण है। 

इस मौके पर हाल ही में देश में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए), 2003 में 21 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने ओर दुकान के अंदर विज्ञापन और प्रचार पर नियंत्रण जैसे प्रावधान करने के प्रस्ताव है जिसे सख्ती से लागू किये जाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया।

कार्यक्रम में यूनियन साउथ ईस्ट एशिया, दिल्ली के डिप्टी रीजनल डायरेक्टर डाॅ जे सिंह, बालाजी सेवा संस्थान के निदेशक अवधेश कुमार, विख्यात दंत चिकत्सक और सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ विमलकांत नौटियाल, सेवानिवृत्त नौसेना अफसर अनिल अग्निहोत्री आदि ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) को सफल बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपेक्षा सम्बंधी अपने विचार रखे।

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