देहरादून। वरिष्ठ विधायक यशपाल आर्य और आदेश चौहान ने कहा कि गेंहू का समर्थन मूल्य तय नहीं। किसानों को बारदाना नहीं दिया गया। फसल तैयार है। पर धान का भुगतान अभी तक नहीं हुआ। जब किसान को सब्सिडी का समय से भुगतान नहीं होता तो उनका ब्याज माफ होना चाहिए। सरकार ने धान खरीदा लेकिन उसे रखने का इंतजाम नहीं किया। धान का बकाया तत्काल भुगतान हो। भंडारण का नुकसान भी सरकार वहन करे। गेंहू की व्यवस्था हो। वहीं विधायक गोपाल सिंह राणा ने कहा कि सरकार किसानों को बिचौलियों से कैसे बचा पाएगी।
जवाब में मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 23 मार्च 2022 को गेंहू क्रय नीति जारी की गई है। गेंहू का मूल्य केंद्र ने 2015 तय किया है। क्रय केंद्रों की व्यवस्था कर दी गई है। खरीफ सत्र 2021-22 में 2240.70 करोड़ के धान का क्रय किया गया है। जसपुर/बाजपुर/नानकमत्ता में भुगतान को देखा जाएगा। 1.60 करोड़ का भुगतान होना बाकी है। उन्होंने कहा कि गेंहू के क्रय केंद्र खाद्य विभाग के 36 हैं, अन्य को भी मिलाकर 241 केंद्र पर जाकर गेंहू या धान दे सकते हैं। एडवांस में कुमाऊं के लिए 40 करोड़ और गढ़वाल के गेंंहू खरीद के लिए एडवांस 10 करोड़ का इंतजाम किया गया है।