नैनीताल। हाई कोर्ट ने हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़े में जेल में बंद मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत व मल्लिका पंत के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई तो की लेकिन जमानत नहीं दी। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि नियत कर दी है। न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में आरोपित शरत पंत व मल्लिका पंत की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि वह मैक्स कारपोरेट सर्विसेस में सर्विस प्रोवाइडर हैं। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कारपोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया। परीक्षण स्टालों ने जो भी कार्य किया उसे अधिकारियों ने मंजूरी प्रदान की, यदि कोई गलत कार्य कर रहा था तो अधिकारी चुप क्यों रहे। सीएमओ हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ की अवधि के दौरान आरोपितों ने खुद को लाभ पहुंचाने को फर्जी टेस्ट कराए। 2021 में एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी, कहा था कि टेस्ट कराने वाली लैबों ने उनकी आइडी व फोन नंबर का उपयोग किया है जबकि उसने रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने के लिए न तो पंजीकरण कराया और न ही सैंपल दिया था।