पर्यटन की असीम संभावनाओं से भरपूर है उत्तराखंड-सुमित पंत

राजकोट के ट्रैवल ट्रेड व्यवसायियों की उत्तराखंड पर्यटन के साथ चर्चा

देहरादून। गुजरात से उत्तराखंड की ओर पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अधिकारियों ने राज्य के प्रमुख ट्रैवल ट्रेड व्यवसायियों के साथ मिलकर सोमवार को राजकोट शहर के ट्रैवल ट्रेड व्यवसायियों के साथ मुलाकात कर दोनों राज्यों के बीच पर्यटन बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की संभावनाओं पर चर्चा की।

राजकोट के द फॉर्च्यून पार्क में आयोजित इस आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य गुजरात के पर्यटकों की जरूरतों को समझना  और तदनुसार भावी यात्रियों की रुचियों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हॉलिडे पैकेज तैयार करना था। ट्रैवल ट्रेड व्यवसायियों के साथ हुई चर्चा में  यूटीडीबी के सुमित पंत, निदेशक (विपणन एवं प्रचार) और कमल किशोर जोशी, जनसंपर्क अधिकारी ने हिस्सा लिया।

इस दौरान उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक (विपणन और प्रचार) सुमित पंत ने बताया कि, “गुजरात उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों में योगदान देने वाले शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। दर्ज अनुमानों के अनुसार, इसकी हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत है। रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों के अनुसार यह भी देखा गया है कि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों में एक तिहाई से अधिक महिलाएं हैं, जो यह दर्शाता है कि यह महिलाओं के लिए एक सुरक्षित राज्य है। आने वाले पर्यटकों में से अधिकांश अपने परिवार या दोस्तों के साथ समूहों में यात्रा करना पसंद करते हैं। पंत ने आगे कहा, “उत्तराखंड, जिसे देवभूमि भी कहा जाता है, चार धामों की उपस्थिति के कारण एक पवित्र तीर्थस्थल रहा है। वास्तव में, राज्य ने 2022 में चारधामों में लगभग 50 लाख तीर्थयात्रियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, हमारे पास तीर्थयात्रा ही नहीं अपितु बहुत कुछ है। अन्य अनुभवों और साहसिक गतिविधियों में गंगा में रिवर राफ्टिंग, पहाड़ियों में ट्रेकिंग, औली में कुछ सुरम्य ढलानों के माध्यम से स्कीइंग, केबल कार की सवारी का आनंद लेना और हैली सेवा से हिमालय दर्शन कराना शामिल है। उत्तराखंड में ऋषिकेश दुनिया की ’योग’ राजधानी भी है। इस वर्ष हम 1-7 मार्च 2023 तक अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के 17वें संस्करण की मेजबानी कर रहे हैं।

राज्य सरकार एक योजना चला रही है जिसके तहत विदेशी पर्यटकों को ’योग’ उत्सव में लाने के लिए टूर आपरेटरों को 10,000 से अधिकतम रु. 5 लाख तक की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

कोविड के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है और उम्मीद है कि इसमें 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी। साथ ही, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य द्वारा केदारनाथ और गौरीकुंड के बीच 9.7 किमी रोपवे और हेमकुंड साहिब और गोविंदघाट के लिए 12.4 किमी रोपवे परियोजना जैसी विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की घोषणा की गई है।

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के 20 से अधिक प्रमुख ट्रैवल ट्रेड व्यवसायों ने भाग लिया, जिन्होंने राजकोट शहर के ट्रैवल ट्रेड के लगभग 50 प्रमुख व्यवसायियों के साथ बातचीत की। यहां उपस्थित लोगों के लिए उत्तराखंड की याद दिलाने वाले सांस्कृतिक उत्सवों और राज्य के व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर भी था। उपस्थित अधिकारियों के अनुसार, यह उम्मीद की जाती है कि यह गतिविधि गुजरात से उत्तराखंड में आने वाले पर्यटन को उत्प्रेरित करने में मदद करेगी, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक राज्य के विभिन्न अनुभवों और नए गंतव्यों का पता लगाने के लिए आएंगे। गुजरात के संभावित पर्यटकों तक पहुंच बनाने के लिए उत्तराखंड द्वारा यह पहला बड़ा प्रयास है और आने वाले महीनों में इस तरह की और मार्केटिंग पहल की योजना है।

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